अगर आपने लॉकडाउन के दौरान लोन मोराटोरियम (Loan moratorium)  का लाभ नहीं उठाया और हर किस्त चुकाई है तो बैंक से आपको कैशबैक मिलेगा. केंद्र सरकार ने लोन मोराटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज को लेकर अपने फैसले के बारे में पूरी जानकारी देते हुए ये बात कही. 

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समय पर ईएमआई चुकाने वालों को मिलेगा फायदा 

सरकार ने साफ तौर पर कहा है कि अगर किसी कर्जदार ने मोराटोरियम का लाभ नहीं उठाया और किस्त का भुगतान समय पर किया है तो बैंक से उन्हें कैशबैक मिलेगा. इस स्कीम के तहत ऐसे कर्जदारों को 6 महीने के सिंपल और कम्पाउंड इंट्रेस्ट में डिफरेंस का लाभ मिलेगा. 

महामारी के चलते दी गई सुविधा 

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कोरोना वायरस महामारी के समय में ग्राहकों की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें छह महीनों के लिए लोन मोरेटोरियम की सुविधा दी थी. इस दौरान जो लोग वित्तीय रूप से ईएमआई का भुगतान करने में असमर्थ थे, उन्होंने इसका लाभ उठाया. वहीं कई लोगों ने मोरेटोरियम अवधि के दौरान भी नियमित रूप से किस्त चुकाई है. ऐसे लोगों को बैंक कैशबैक देंगे. 

1 मार्च से 31 अगस्त तक मिली ये सुविधा 

लोन मोराटोरियम की सुविधा 1 मार्च से 31 अगस्त तक के लिए दी गई थी. बाद में मोराटोरियम पीरियड के दौरान ब्याज पर ब्याज का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और सरकार ने कहा कि कर्जदारों को ब्याज पर ब्याज नहीं भरना होगा. इससे सरकारी खजाने पर करीब 7000 करोड़ का असर होगा. 

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2 करोड़ तक लोन पर मिली थी छूट

सरकार ने पिछले दिनों 2 करोड़ तक लोन लेने वालों को मोराटोरियम के दौरान ब्याज पर ब्याज में माफी का ऐलान किया था. सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल कर कहा था कि एमएसएमई लोन, एजुकेशन, हाउसिंग, कंज्यूमर, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया और उपभोग लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज (ब्याज पर ब्याज) को माफ किया जाएगा. सरकार के मुताबिक 6 महीने के लोन मोराटोरियम समय में दो करोड़ रुपये तक के लोन के ब्याज पर ब्याज की छूट देगी.