IDBI Bank: केंद्र सरकार ने आईडीबीआई बैंक के रणनीतिक विनिवेश (Strategic disinvestment) के लिए ट्रांजैक्शन एडवाइजर के लिए बिड जमा करने की डेडलाइन बढ़ाकर 22 जुलाई कर दी है. इसके अलावा कानूनी सलाहकार के लिए बिड जमा करने की समय सीमा भी 9 दिन बढ़ाकर 22 जुलाई कर दी गई है. निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) ने कहा है कि ट्रांजैक्शन एडवाइजर और लीगल एडवाइजर के लिए बोली जमा करना (Bid submission) दोपहर 3.30 बजे खत्म हो जाएगा.

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23 जुलाई को खोली जाएंगी बिड

22 जुलाई को शाम 4 बजे, और 23 जुलाई को बोलियां की बिड 3.50 बजे और शाम 4.30 बजे खोली जाएंगी. बिड जमा करने की पिछली समय सीमा 13 जुलाई थी. विभाग ने यह भी साफ किया है कि भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) और आईडीबीआई बैंक में भारत सरकार की हिस्सेदारी प्रबंधन नियंत्रण के ट्रांसफर के साथ-साथ तत्काल ट्रांजैक्शन में बेची जाएगी. इसमें कहा गया है कि सौदे के दौरान पार्टनरशिप की मात्रा का फैसला किया जा सकता है. LIC की बैंक में 49.24

फीसदी हिस्सेदारी है जबकि सरकार के पास 45.48 फीसदी शेयर हैं. कारोबारी साल 22 के लिए बजट के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि आईडीबीआई बैंक सहित इस कारोबारी साल में पहले घोषित सभी विनिवेश प्रक्रियाओं (Disinvestment procedures) को पूरा किया जाएगा.

क्या होंगे बदलाव 

उम्मीद की जा रही है कि रणनीतिक खरीदार आईडीबीआई बैंक की कारोबारी क्षमता को बढ़ाने और इसकी ग्रोथ के लिए बैंक में पैसा लगाएंगे, नई टेक्नोलॉजी और सर्वश्रेष्ठ मैनेजमेंट सिस्टम की मदद लेंगे. साथ ही LIC और सरकार की मदद या फंड पर किसी भी तरह की निर्भरता के बिना ज्यादा बिजनेस जनरेट करेंगे. सरकारी हिस्सेदारी के रणनीतिक विनिवेश के जरिए आने वाली रकम का इस्तेमाल डेवलपमेंटल प्रोग्राम्स को फाइनेंस करने के लिए किया जाएगा.

आपको बता दें कि IDBI एक सरकारी बैंक था, जो 1964 में देश में बना था. जून, 2018 में LIC ने आईडीबीआई में 21,000 करोड़ रुपये का निवेश करके 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदी थी. इसके बाद LIC और सरकार ने मिलकर IDBI बैंक को 9,300 करोड़ रुपये दिए.

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