Home loan Calculator: क्या आप होम लोन लेने का प्लान बना रहे हैं. लेकिन, क्या आपको पता है कि होम लोन लेने के लिए क्या पैरामीटर्स हैं और कितनी इनकम वाले लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. आइये जानते हैं कि बैंक किस तरह से तय करते हैं कि कितना होम लोन ग्राहकों को देना है और किस आपको हर महीने कितनी EMI चुकानी है.

कितनी होती है कमाई?

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सबसे पहले बैंक को ये बताना होगा कि आपको कितनी कमाई होती है? इसके लिए आपको अपनी सैलरी स्लिप, ITR और बैंक स्टेटमेंट (Bank statement) देने होगा. ये सभी डॉक्युमेंट (home loan documents) देने के बाद बैंक आपकी इनकम कैलकुलेट करते हैं कि आपको हर महीने कितनी कमाई हो रही है. इसमें आपकी अन्य सोर्स होने वाली इनकम भी जोड़ी जाती है.

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कितनी सेविंग्स कर रहे हैं?

इनकम कैलकुलेशन के बाद बैंक आपकी सेविग्स को देखेगा कि आपकी कितनी सेविंग्स हैं. वैसे तो हर किसी की सेविंग्स उसकी खर्चे पर निर्भर करती है, लेकिन एक स्टैंडर्ड कैलकुलेशन के हिसाब से हर व्यक्ति को कम से कम अपनी सैलरी का 30 फीसदी बचत करनी चाहिए.

पहले से कितने लोन लिए हैं?

लोन देने से पहले बैंक ये भी देखता है कि कहीं आपका कोई लोन पहले से तो नहीं चल रहा. अगर आप पहले से ही कोई लोन लेकर चल रहे हैं और उसकी EMI चुका रहे हैं तो बैंक आपकी कुल मंथली सेविंग में से इसको घटा देगा. जैसे 30,000 रुपए की मासिक सेविंग है, और EMI आप 10,000 रुपए की चुका रहे हैं तो कुल सेविंग अब 20,000 रुपए मानी जाएगी. 

इस तरह तय होगी कैलकुलेशन

अगर आपकी मंथली इनकम 1 लाख रुपए है, 20 साल के लिए लोन लेना चाहते हैं और 7 फीसदी ब्याज दर है तो आपको 64.49 लाख रुपए तक का होम लोन मिल जाएगा, और आपकी EMI बनेगी 50,000 रुपए. अब अगर आपकी कोई EMI चल रही है, मान लीजिए 10 हजार रुपये की तब आपको 51.59 लाख रुपए का ही होम लोन मिलेगा, और आपकी EMI बनेगी 40,000 रुपए.

इन फैक्टर्स पर निर्भर करता है लोन अमाउंट

बता दें ये सिर्फ एक आइडिया है, जिससे कम से कम आप ये जरूर समझ सकेंगे कि लोन अमाउंट किन फैक्टर्स पर निर्भर करता है. बाकी बैंक की अपनी अपनी कैलकुलेशन रहती है. कोई बैंक आपको ज्यादा लोन दे सकता है तो कोई कम.