जनधन अकाउंट (Jan Dhan Account) पर सरकार की ओर से बड़ा बयान आया है. सरकार का कहना है कि जन धन- आधार- मोबाइल (JAM) की तिगड़ी ने कोविड19 महामारी (COVID19 Pandemic) के दौरान गेमचेंजर साबित हुई. इसकी मदद से महामारी में देश के अंतिम छोर में रह रहे नागरिकों तक पहुंचने में मदद की और यह व्यवस्था तस्वीर बदल देने वाली साबित हुई. वहीं, अब सरकार जनधन अकाउंट को लेकर बड़ा प्‍लान कर रही है. सरकारी की योजना के मुताबिक 18 साल की उम्र तक पहुंचने वालों का जन धन अकाउंट होगा. 

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राष्‍ट्रीय बैंक परिषद की ओर से औरंगाबाद में एक प्रोग्राम 'मंथन' में शिरकत करने पहुंची वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के JAM कॉन्‍सेप्‍ट देश के हर कोने में रह रहे व्यक्ति तक पहुंचने में मदद की. उन्‍होंने कहा कि जन धन योजना शुरू होते ही लोगों के मन में सवाल थे लेकिन अब हम लोगों की सीधे मदद कर सकते हैं ताकि वे अपना जीवन जी सकें. सीतारमण ने कहा, ‘‘आधार कार्ड को बैंक खातों से जोड़ने से केवाईसी- अथेंटिकेशन अकाउंट्स में मदद मिली. जैम का तीसरा महत्वपूर्ण हिस्‍सा मोबाइल है, जहां पैसे जमा होने की जानकारी समेत सरकारी योजनाओं के लाभ (MNREGA) की भी जानकारी दी जा रही है.’’

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उम्र 18 साल होते ही होगा अकाउंट

इस मौके पर केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री भागवत कराड ने कहा कि अब सरकार का ध्यान 18 साल की उम्र तक पहुंचने वालों के जन धन खाते खोलने पर होगा. उन्‍होंने कहा कि हमारा फोकस देशभर के 111 आकांक्षी जिलों में भी अकाउंट खोलने पर होगा. इस दौरान मुद्रा लोन और एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर की चुनौतियों पर भी चर्चा की गई. 

सरकार ने उठाए जरूरी कदम:  PNB

पंजाब नेशनल बैंक (PNB) के चीफ एग्‍जीक्‍यूटिव अफसर एवं मैनेजिंग डायरेक्‍टर एस एस मल्लिकार्जुन राव ने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए समय पर और प्रभावी कदम उठाए हैं. इसने उन लोगों को मदद मिली, जिन्होंने देश के कारोबारियों, इंडस्‍ट्री और एग्रीकल्‍चर सेक्‍टर में अपनी नौकरी खो दी थी.’’ उन्‍होंने कहा कि देश की इकोनॉमी में महाराष्‍ट्र का कंट्रीब्‍यूशन इंडस्ट्रियलाइजेशन ओर एंटरप्रोन्‍योर स्किल डेवलप करने के मामले में सबसे ज्‍यादा है.