Government bank loan recovery news: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister nirmala sitharaman) ने कहा कि बैंकों ने विजय माल्या (Vijay Mallya), नीरव मोदी (Nirav Modi) और मेहुल चौकसी (Mehul Choksi) जैसे भगोड़ों की संपत्ति की बिक्री से 13,109.17 करोड़ रुपये की वसूली की है. वित्त मंत्री ने यह जानकारी लोकसभा में दी है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, विलफुल डिफॉल्टरों से बैंकों की वसूली पर बोलते हुए सीतारमण ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक, जुलाई 2021 तक विजय माल्या, नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की संपत्ति बिक्री से वसूली हुई है. उन्होंने कहा कि नवीनतम वसूली 16 जुलाई, 2021 को माल्या और अन्य की संपत्ति की बिक्री से 792 करोड़ रुपये थी.

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5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली

खबर के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने मिलकर पिछले सात वित्तीय वर्षों में लगभग 5.49 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है. इसलिए, ऐसे लोग जो डिफॉल्टर हैं, जो देश छोड़कर भाग गए हैं, हमें उनका पैसा वापस मिल गया है और इसे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में डाल दिया गया है. यही वजह है कि बैंक आज मजबूत स्थिति में हैं. वित्त मंत्री ने आगे कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में जमाकर्ताओं का पैसा बिल्कुल सुरक्षित है.

2426 बड़े विलफुल डिफॉल्टर के पास बकाया

एक आंकड़े के मुताबिक, इस साल के मध्य में 2426 ऐसे विलफुल डिफॉल्टर थे जिनके पास कुल मिलाकर सरकारी बैंकों (government bank loan recovery) का कुल बकाया 1.47 लाख करोड़ रुपये था. इनमें कई कंपनियां शामिल थीं, जिन्होंने बड़ी राशि लोन ले रखा था लेकिन चुकाया नहीं. वित्त मंत्री ने कहा कि अनुपूरक अनुदान मांगों ने सरकार को चालू वित्त वर्ष के दौरान अतिरिक्त 3.73 लाख करोड़ रुपये खर्च करने के लिए अधिकृत किया. अतिरिक्त खर्च में 62,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश शामिल है, जिसमें एयर इंडिया की अवशिष्ट संपत्ति और देनदारियां हैं. इसके अलावा अतिरिक्त उर्वरक सब्सिडी के माध्यम से 58,430 करोड़ रुपये, लंबित निर्यात प्रोत्साहनों के भुगतान के लिए 53,123 करोड़ रुपये और ग्रामीण विकास के लिए 22,039 करोड़ रुपये शामिल हैं.

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राज्यों की वित्तीय स्थिति पर वित्त मंत्री का जवाब

वित्त मंत्री ने राज्यों की वित्तीय स्थिति पर कहा कि केंद्र वित्त वर्ष के पहले आठ महीनों में पूरे वर्ष 2019-20 में दी गई राशि का 86.4 प्रतिशत पहले ही ट्रांसफर कर चुका है. राज्यों की वित्तीय स्थिति इस बात में भी दिखती है कि राज्यों का समग्र नकद शेष (overall cash balance) 30 नवंबर, 2021 को लगभग 3.08 लाख करोड़ रुपये था, जो काफी बेहतर स्थिति है. उन्होंने आगे कहा कि राज्यों के पास पर्याप्त नकदी शेष है और कुछ ही अपवाद हैं. उन्होंने कहा कि 28 राज्यों में से केवल दो राज्यों में नकारात्मक नकदी शेष है.