DICGC: अगर आपका पैसा इन 17 सहकारी बैंकों (Co-operative Banks) में जमा है तो आपके लिए अच्छी खबर है. डिपॉजिट इंश्योरेंस और क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) अक्टूबर में महाराष्ट्र के 8 सहित 17 को-ऑपरेटिव बैंकों के एलिजिबल डिपॉजिटर्स को भुगतान करेगा. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इन 17 बैंकों की बिगड़ती वित्तीय स्थिति को देखते हुए जुलाई में जमाकर्ताओं द्वारा निकासी सहित कई प्रतिबंध लगाए थे.

क्या है DICGC कानून?

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

बता दें कि DICGC, आरबीआई की पूर्ण स्वामित्व वाली सब्सिडियरी कंपनी है, जो बैंक जमा पर 5 लाख रुपये तक का बीमा कवर उपलब्ध कराती है. सरकार ने DICGC का नियम इसलिए शुरू किया ताकि बैंकों के छोटे ग्राहकों को बैंकिंग सिस्टम पर भरोसा हो और वे पूरी सुरक्षा गारंटी के साथ खाते में पैसे जमा कराएं. डीआईसीजीसी द्वारा शुरू किए गए जमा बीमा में सभी कमर्शियल बैंक शामिल हैं, जिनमें स्थानीय क्षेत्र के बैंक और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक के साथ-साथ सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सहकारी बैंक शामिल हैं.

वैलिड डॉक्युमेंट्स के साथ करें दावा

DICGC ने कहा कि एलिजिबल डिपॉजिटर्स को पहचान के वैलिड दस्तावेजों द्वारा अपने दावों का समर्थन करना होगा. इन 17 सहकारी बैंकों में 8 महाराष्ट्र में, 4 उत्तर प्रदेश में, 2 कर्नाटक में और 1-1 नई दिल्ली, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में स्थित हैं.

इन बैंकों के जमाकर्ताओं को मिलेगा फंसा हुआ पैसा

महाराष्ट्र के कॉरपोरेटिव  बैंकों में- साहेबराव देशमुख सहकारी बैंक (Sahebrao Deshmukh Co-operative Bank), सांगली सहकारी बैंक (Sangli Sahakari Bank), रायगढ़ सहकारी बैंक (Raigad Sahakari Bank), नासिक जिला गिरना सहकारी बैंक (Nashik Zilla Girna Sahakari Bank), साईबाबा जनता सहकारी बैंक (Saibaba Janata Sahakari Bank), अंजनगांव सुरजी नगरी सहकारी बैंक, जयप्रकाश नारायण नगरी सहकारी बैंक (Jaiprakash Narayan Nagari Sahakari Bank) और करमाला अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक हैं.

DICGC के अनुसार उत्तर प्रदेश स्थित लखनऊ अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक, अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (सीतापुर), नेशनल अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (बहरीच) और यूनाइटेड इंडिया कंपनी को-ऑपरेटिव बैंक (नगीना) के पात्र जमाकर्ताओं को अक्टूबर में भुगतान किया जाएगा.

कर्नाटक श्री मल्लिकार्जुन पट्टाना सहकारी बैंक नियमिता (मस्की) और श्री शारदा महिला सहकारी बैंक (तुमकुर) भी इस सूची में शामिल हैं. 

नई दिल्ली में रामगढ़िया को-ऑपरेटिव बैंक, पश्चिम बंगाल के बीरभूम के सूरी में सूरी फ्रेंड्स यूनियन को-ऑपरेटिव बैंक और आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में दुर्गा को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक के पात्र जमाकर्ताओं को अक्टूबर में डीआईसीजीसी द्वारा भुगतान किया जाएगा.