आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (एनबीएफसी) क्षेत्र में जारी संकट के लिये इस क्षेत्र के कारोबार के बारे में ताजा आंकड़ों के अभाव को जिम्मेदार बताया है. उन्होंने क्षेत्र के सुव्यवस्थित विकास के लिये इसकी नियमन व्यवस्था मजबूत करने की आवश्यकता पर बल दिया है. गर्ग ने शनिवार को कहा कि सरकार एनबीएफसी क्षेत्र की कंपनियों के कारोबार के बारे में पर्याप्त सूचना की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए रिजर्व बैंक के साथ मिल कर एक प्रणाली स्थापित करने का प्रयास कर रही है. 

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अच्छा नियमन जरूरी

आईएलएंडएफएस संकट पिछले साल अगस्त में सामने आया था. तब से पूरा एनबीएफसी क्षेत्र कर्ज के संकट से गुजर रहा है. IL&FS के कर्ज भुगतान में चुक करने के बाद से इस क्षेत्र पर निवेशकों के विश्वास को झटका लगा और डीएचएफएल और इंडिया बुल्स जैसे एनबीएफसी के सामने भी धन की कमी पैदा हो गई. इनके शेयरों में इसके बाद भारी गिरावट देखने को मिली है.

गर्ग ने एनबीएफसी क्षेत्र के बारे में सीआईआई के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एनबीएफसी के विकास के लिये अच्छा नियमन जरूरी है. वृद्धि को नुकसान पहुंचाने वाला कोई भी नियमन अच्छा नियमन नहीं है.’’उन्होंने कहा कि अभी ऐसे नियमन की जरूरत है जो एनबीएफसी तथा निवेशकों की जरूरतों को पूरा करे तथा कुल मिलाकर वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करे.

एनबीएफसी क्षेत्र में प्रतिनिधित्व की कमी

गर्ग ने कहा, ‘‘आईएलएंडएफएस संकट से पता चलता है कि सिर्फ नियमन ही नहीं बल्कि आंकड़ों का संग्रह, सूचना देने तथा नियामक या सरकार के साथ संवाद के स्तर कमियों को भी दूर करने की जरूरत है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी हम यह भी नहीं जानते हैं कि एनबीएफसी क्षेत्र में किससे बातें की जाए क्योंकि उनका प्रतिनिधित्व करने वाला कोई संगठन नहीं है.’’

फाइल फोटो

गर्ग ने तत्काल समय पर आंकड़ों की उपलब्धता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकार क्षेत्र के बारे में अधिक सूचनाएं मुहैया कराने के लिये रिजर्व बैंक के साथ काम करने की कोशिश कर रही है. गर्ग ने एनबीएफसी के लिये वित्तपोषण की जरूरतों के बारे में कहा कि उन्हें दीर्घावधि के बड़े वित्तपोषण की जरूरत है.

(इनपुट एजेंसी से)