क्रेडिट कार्ड एक्स्ट्रा खर्चों को मैनेज करने या फिर किसी बड़ी खरीदारी के लिए बड़े काम का साबित होता है. वैसे, अब क्रेडिट कार्ड को अपने छोटे-मोटे खर्चे पूरे करने के लिए भी जोर-शोर से यूज़ किया जाता है, लेकिन क्रेडिट कार्ड ट्रांजैक्शन फेल किसी के भी साथ हो सकता है. ऐसी स्थिति में होगा ये कि आप कोई परचेज़ कर रहे हैं, आपने पेमेंट किया, आपके पैसे कटने का मैसेज भी आ गया, लेकिन स्क्रीन पर ट्रांजैक्शन फेल होने का मैसेज आ गया.  अब ऐसे में क्या करें? आपको तुरंत कुछ स्टेप्स उठाने चाहिए.

1. पैसे कटे या नहीं

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आपको पहले ये वेरिफाई करना चाहिए कि पैसे सच में कटे या नहीं. अपने मोबाइल ऐप या ऑनलाइन बैंकिंग के जरिए अपना क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट चेक करें. देखें उसमें फेल्ड ट्रांजैक्शन की डीटेल है या नहीं. अगर आपको दिख रहा है कि पैसे कट गए हैं तो ट्रांजैक्शन डीटेल्स नोट करके रख लें. इसमें ट्रांजैक्शन की तारीख, अमाउंट और मर्चेंट का नाम होगा.

2. मर्चेंट को कॉन्टैक्ट करें

पैसे कटे हैं, ये कन्फर्म करने के बाद उस मर्चेंट को कॉन्टैक्ट करें. इसके लिए आपको उनके कस्टमर सपोर्ट या हेल्प डेस्क को कॉल करना होगा. उन्हें अपनी स्थिति से अवगत कराएं. आपको ट्रांजैक्शन की पूरी डीटेल देनी होगी. इससे वो ज्यादा डीटेल के साथ रिकॉर्ड चेक कर पाएंगे. अगर ऐसा होता है कि उनकी ओर से किसी गड़बड़ की वजह से आपके पैसे कट गए हैं, लेकिन ट्रांजैक्शन नहीं हुआ है तो वो आपको रिफंड या दोबारा सर्विस प्रोवाइड कराने का विकल्प दे सकते हैं.

3. सबकुछ डॉक्यूमेंट में रखें

ट्रांजैक्शन फेल होने से लेकर उसके बाद आप जो भी कर रहे हैं, सबका रिकॉर्ड रखें. बैंक या मर्चेंट किसी से भी कोई भी बात हुई है, तो ईमेल, चैट लॉग या फोन कॉल रिकॉर्ड, सबका रिकॉर्ड रखें. पैसे कटने की जो स्टेटमेंट में डीटेल है, उसकी भी कॉपी अपने साथ रखें. इन्हें डॉक्यूमेंट्स के तौर पर सहेज लें, जरूरत पड़ने पर बाद में ये प्रूफ का काम कर सकते हैं.

4. डिज्प्यूट क्लेम फाइल करें

अगर मर्चेंट से बात करने पर भी कोई हल नहीं निकलता है तो आपको इस ट्रांजैक्शन पर डिज्प्यूट क्लेम फाइल करना होगा. इसके लिए अपने बैंक के कस्टमर सर्विस को कॉन्टैक्ट करें और क्लेम फाइल करें. सारे प्रूफ, ट्रांजैक्शन डीटेल और कम्यूनिकेशन रिकॉर्ड अटैच करें. इसके बाद बैंक अपनी जांच शुरू करेगा. आप सीधे बैंक जाकर किसी से सामने-सामने से भी बात कर सकते हैं. 

5. फॉलोअप लेते रहें

डिज्प्यूट फाइल करने के बाद अपने बैंक से टाइम-टाइम पर अपडेट लेते रहें. इसमें टाइम लग सकता है, लेकिन मामला अटक न जाए, इसके लिए इन्क्वायरी करते रहें.