पैसों के लेनदेन में नितनई तकनीकों का इजाफा हो रहा है. लेनदेन के खुदरा सिस्टम (retail payment) को कंट्रोल करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) का गठन किया था. यह निगम तमाम खुदरा पेमेंट सिस्टम के लिए एक मातृसंस्था है. लेकिन सरकार अब NPCI की तरह की एक और संस्था खड़ी करना चाहती है. देश में लेनदेन के बढ़ते सिस्टम को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है. 

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जानकारी के मुताबिक, देशव्यापी खुदरा पेमेंट सिस्टम के लिए नई संस्था बनाने पर फ्रेमवर्क जारी है. सरकार की यह पहल आपको को भी अपना नया सिस्टम खड़ा करने का मौका दे रही है. 

यह नया पेमेंट सिस्टम एनपीसीआई की तर्ज पर ही काम करेगा. इसके लिए आरबीआई प्राइवेट सेक्टर को लाइसेंस जारी करेगा. लाइसेंस के लिए अगले साल 26 फरवरी तक अर्जी दी जा सकती हैं. आप मुनाफा कमाने या फिर नॉन प्रॉफिट मॉडल के सिस्टम की प्रस्तावना दे सकते हैं. 

अप्लाई के लिए कंडिशन

नया पेमेंट सिस्टम के लिए अप्लाई करने के लिए कम से कम 500 करोड़ रुपये की चुकता पूंजी की शर्त लागू की गई है. नई संस्था में किसी एक प्रोमोटर की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक नहीं होगी.

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अप्लाई करते समय कम से कम 50 करोड़ रुपये पूंजी दिखानी होगी. प्रोमोटर को 5 साल में हिस्सेदारी घटाकर कम से कम 25 फीसदी तक लाना होगा. किसी भी वक्त कम से कम 300 करोड़ रुपये की पूंजी कायम रखनी होगी. 

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI)

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम भारत में खुदरा भुगतान से जुड़ा काम करता है. भारत के स्वदेशी पेमेंट कार्ड ‘RuPay’ के विकास में NPCI का अहम रोल रहा है. 

एनपीसीआई द्वारा पेमेंट की कई सर्विस मुहैया कराई जाती हैं. इनमें भारत बिल पेमेंट सिस्टम, BharatQR, BHIM, IMPS (तत्काल भुगतान सेवा), FASTag और एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस (UPI) जैसी सुविधाएं शामिल हैं.