रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के प्रमुख ब्‍याज दरों में कटौती के बाद केंद्रीय बैंक ने बैंकरों पर लोन सस्‍ता करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है. हाल में RBI गवर्नर शंक्तिकांत दास ने सरकारी और प्राइवेट बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक की थी, जिसमें उन्‍होंने कहा कि केंद्रीय बैंक ने अपनी ब्याज दरों में जो कमी की है, उसका लाभ आम लोगों तक पहुंचे, ये बेहद जरूरी है. इस पर बैंकरों ने कहा कि वह तुरंत लोन की ब्‍याज दरें नहीं घटा सकते लेकिन इसमें चरणबद्ध रूप से कमी कर सकते हैं. सूत्रों का कहना है कि मार्च में बैंकों की ओर से ब्‍याज दरों में कमी संभव है.

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लाइव मिंट की खबर के मुताबिक बैठक में बैंकरों ने कहा कि हम लोन देने के लिए डिपॉजिट योजनाओं पर निर्भर हैं. रेपो रेट में अचानक बदलाव से बैंकों के लिए यह संभव नहीं है कि वे तुरंत लोन सस्‍ता कर दें. एक बैंकर ने कहा कि RBI एमसीएलआर पर चर्चा के लिए एक और बैठक करेगा. इस बैठक में 10 सरकारी बैंक के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. बैंकों ने एनपीए और बैंकिंग संचालन की मार्जिन की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की. उनका कहना था कि अगर वे ब्याज दर की पूरी कटौती ग्राहकों को हस्तांतरित करना शुरू करेंगे तो इसका उन पर विपरीत असर होगा. 

केंद्रीय बैंक ने घटाई थीं ब्याज दरें

रिजर्व बैंक ने 7 फरवरी को अपनी मौद्रिक नीति की समीक्षा में रेपो रेट में 0.25% कमी की थी. इसके बाद प्रमुख बैंकों में से सिर्फ SBI ने होम लोन पर ब्याज दर में सिर्फ 0.05% कटौती की है. बाकी किसी अन्य बैंक ने ग्राहकों को बहुत अधिक राहत नहीं दी है.

ब्याज दर कटौती का फायदा ग्राहकों को दें बैंक

इस बीच, नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि बैंक अब ब्याज दरों में कटौती का फायदा उपभोक्ताओं और उद्योग को प्रदान करने की स्थिति में हैं. कुमार ने कहा कि साख वृद्धि आकर्षक बन गई है और आगे इसमें और इजाफा होगा, इसलिए बैंक ब्याज दर कटौती का फायदा हस्तांतरित करने की स्थिति में हैं.