मोदी सरकार के सड़क परिवहन और हाईवे मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि जोखिम से बचने के लिए भारत में बैंक इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को लेकर बेरुखी अपना रहे हैं. उन्होंने कहा कि सड़क और हाईवे परियोजनाओं के लिए कर्ज मुश्किल से मिल पर रहा है. रोड कॉन्ट्रैक्टर्स को कर्ज और परियोजनाओं के लिए बैंक गारंटी रोक ली गईं हैं. गडकरी ने कहा कि इसके चलते 2022 तक 84,000 किलोमीटर सड़क बनाने की भारत की योजना खटाई में पड़ गई है. 

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उन्होंने ब्लूमबर्ग इंडिया इकनॉमिक फोरम में कहा, 'उद्योग के लिए, निवेश के लिए, ठेकेदारों के लिए, रोजगार पैदा करने के लिए, अर्थव्यवस्था के लिए, हमें बैंकों को सकारात्मक समर्थन की जरूरत है. वे हमें स्पोर्ट कर रहे हैं, लेकिन ये एक बहुत धीमी प्रक्रिया है.' 

भारत ने अपने हाईवे के आधुनिकीकरण की योजना बनाई है, जिसके लिए अरबों डॉलर के निवेश की जरूरत है, लेकिन बैंकों का एनपीए बढ़ने के कारण वो दबाव से गुजर रहे हैं. इस कारण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं को फाइनैंसिंग बहुत कम कर दी गई है.

बैंकर कर्ज देने का निर्णय इसलिए नहीं कर रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि अगर ये निर्णय अगले 5 से 7 बाद जाकर भी गलत हो गया, तो उस समय उन्हें जांच का समान करना पड़ सकता है, जैसे कि उनके कुछ साथी आज जांच का सामना कर रहे हैं.

(एजेंसी इनपुट के साथ)