Bank privatization: सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन (निजीकरण) को लेकर ने सरकार ने अपडेट दिया है. संसद में पूछे गए एक सवाल के जवाब में वित्त राज्य मंत्री डॉ. भागवत कराड़ (Minister of State for Finance Dr. Bhagwat Karad) ने कहा कि जिन बैंकों का निजीकरण होने की बात है, उसको लेकर सरकार ने अभी तक उन सरकारी बैंकों के नाम तय नहीं किए हैं. लोकसभा में वरुण गांधी के पूछे गए सवाल पर वित्त राज्य मंत्री ने यह जवाब दिया है. 

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पूछे गए सवाल

संसद सदस्य वरुण गांधी ने सदन में सरकार से सवाल किया कि क्या दो बैंकों के चयन के लिए कैबिनेट समिति का गठन किया गया है जिनका निजीकरण किया जाना है.? अगर हां, तो बैंकों को सलेक्ट करने के लिए निर्धारित मानदंड क्या है? अगर नहीं, तो बैंकों को निजीकरण को आखिरी रूप देने में देरी के क्या कारण हैं? वरुण गांधी ने यह भी सवाल किया कि क्या सरकार को बैंक कर्मचारियों के विरोध के बारे में जानकारी है? अगर हां, तो इसकी जानकारी दें. क्या कैबिनेट समिति ने बैंक सहित हितधारकों से सलाह-मशवरा किया है?

वित्त राज्य मंत्री के जवाब

वित्त राज्य मंत्री ने जवाब में कहा कि निवेश और सार्वजनिक संपत्ति विभाग (DIPAM) से मिले इनपुट के मुताबिक, सरकार ने अभी तक उन बैंकों के बारे में फैसला नहीं लिया है, जिनका निजीकरण होना है. उन्होंने कहा कि निजीकरण संबंधित अधिनियमों में संशोधन करने की जरूरत होगी, तभी निजीकरण की प्रक्रिया शुरू होगी. इस मुद्दे पर सरकार को बैंक यूनियनों से भी विरोध से जुड़े पत्र मिले हैं जिसमें बैंकों के निजीकरण के मामले पर अपने विचार और चिंता व्यक्त किए हैं.

वित्त मंत्री ने किया था ऐलान

खबर के मुताबिक, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने बजट 2021-22 को पेश करने के दौरान दो सरकारी बैंकों (PSBs) और एक जनरल इंश्योरेंस कंपनी के निजीकरण का प्रस्ताव पेश किया था. सरकार पब्लिक सेक्टर की साधारण बीमा कंपनियों के निजीकरण की कोशिश में भी है.

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इन बैंकों की है चर्चा

हालांकि अभी कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं है, लेकिन बैंक ऑफ महाराष्ट्र (Bank of Maharashtra), इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas bank), बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India), सेंट्रल बैंक (Central Bank) जैसे बैंकों के नामों की चर्चा होती रही है. चर्चा है कि सरकार सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया (Central Bank of India) और इंडियन ओवरसीज बैंक (Indian Overseas bank) में अपनी हिस्सेदारी बेच सकती है. बैंक ऑफ इंडिया (Bank of India) में भी अपनी हिस्सेदारी को घटाने की चर्चा है.