अब किसी भी शेड्यूल्ड बैंक के डायरेक्टर की पर्सनल लोन की लिमिट RBI ने बढ़ा दी है. RBI ने अन्य बैंकों के डायरेक्टर्स और उनके परिवारों को लेंडर्स की ओर से दी जा सकने वाली पर्सनल लोन राशि की लिमिट 25 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये कर दी है. RBI ने अपने सर्कुलर में कहा है कि उधार लेने वाले को 25 लाख रुपए या 5 करोड़ रुपए (जैसा भी मामला हो) से कम राशि के लोन फैसिलिटी के प्रस्तावों को प्राधिकरण अपनी शक्तियों के तहत फाइनेंसिंग बैंक में जिम्मेदार अथॉरिटी के जरिए मंजूर कर सकती है. लेकिन ऐसे मामलों के बारे में बोर्ड को सूचना दी जानी चाहिए.

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किन बैंकों के डायरेक्टर्स होंगे पात्र

लेकिन RBI का सर्कुलर यह भी बताता है कि इस सुविधा का फायदा केवल शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक के डायरेक्टर्स को ही मिल सकेगा. इसका लाभ क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRBs - regional rural banks), स्मॉल फाइनेंसिंग बैंक्स (small finance banks) और सभी लोकल एरिया बैंक्स (all local area banks) को नहीं मिल सकेगा. पर्सनल लोन किसी व्यक्ति को दिया जाने वाला लोन होता है. इसमें कंज्यूमर क्रेडिट (consumer credit), एजुकेशनल लोन्स (education loan) शामिल होता है, अचल संपत्ति को बढ़ाने या बनाने के लिए भी इस लोन को दिया जाता है. साथ ही इस लोन का लाभ वित्तीय पूंजी में निवेश

(investment in financial assets) के लिए भी किया जा सकता है.

किसके लिए और किसे दिया जाएगा लोन

अगर ये लोन चेयरपर्सन, मैनेजिंग डायरेक्टर्स या दूसरे डायरेक्टर्स के खुद के बच्चों, पति या पत्नी के अलावा किसी दूसरे रिश्तेदार को दिया जाता है तो आरबीआई कहता है कि बैंक 5 करोड़ या उससे ज्यादा के लोन या एडवांस को तब तक न दे जब तक उसे बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या मैनेजमेंट कमेटी न मंजूर करे.

इसी तरह के नियम को-ऑपरेटिव बैंक या म्यूचुअल फंड्स और वेंचर कैपिटल के ट्रस्टी या सहायक डायरेक्टर्स की पत्नी, पति या बच्चों के अलावा दूसरे रिश्तेदारों पर भी लागू होता है. साथ ही किसी फर्म या कंपनी में यदि पार्टनर या गारंटर होने पर भी वही नियम अपनाया गया है. साथ ही किसी कंपनी का मेजर शेयरहोल्डर्स या डायरेक्टर या उसके नियंत्रण में होने पर ये लोन पति, पत्नी या बच्चों के अलावा दूसरे रिश्तेदारों को मैनेजमेंट या बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट की मंजूरी के बाद ही दे पाएंगे.

ये लोन बैंक के डायरेक्टर की पत्नी, पति या बच्चा को किसी होल्डिंग या सहायक कम्पनी में बड़ा स्टेक होने या उनके नियंत्रण में होने पर मिलेगा. लेकिन उनके रिश्तेदारों को इसके लिए बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या मैनेजमेंट की मंजूरी लेनी पड़ेगी.

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