पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (PMC Bank) घोटाले की परत लगातार खुल रही हैं. इस बैंक में लाखों लोगों का करोड़ों रुपया फंसा हुआ है. अपनी मेहनत की कमाई डूबती देख अब दो लोगों की हार्टअटैक से मौत हो चुकी है और एक अन्य आदमी ने आत्महत्या कर ली. उधर, सरकार भी पीएमसी बैंक के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए हुए हैं. 

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PMC Bank घोटाले के आरोपियों की हिरासत कोर्ट की तरफ से लगातार तीसरी बार बढ़ा दी गई है. बैंक घोटाले (Bank Scam) के आरोपी राकेश वाधवान, सारंग वाधवान और वरियम सिंह को 23 अक्टूबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. कोर्ट और बैंक के बाहर हजारों लोग न्याय की मांग करते हुए धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं. 

ऐसा नहीं है कि अकेले पीएमसी बैंक (PMC Bank) ही संकट के दौर से गुजर रहा है. देश में तमाम ऐसे सहकारी बैंक (Co-operative Banks) हैं जिनका हालत खस्ता हो चुकी है. और ये बैंक मुश्किल में फंसे हुए हैं. 

साल 2017-19 के बीच जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, निम्मलिखित सहकारी बैंक मुश्किल में फंसे हुए हैं-

- PMC बैंक

- वसंदादा सहकारी नागरी सहकारी बैंक

- विट्टलराव विखे पाटिल सहकारी बैंक

- कराड़ जनता सहकारी बैंक

- शिवाजीराव निलांगेकर को-ऑपरेटिव बैंक

- मापुसा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक

- CKP को-ऑपरेटिव बैंक

- भीमावरम अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक

- भारती को-ऑपरेटिव अर्बन बैंक

- बिदार अर्बन महिला को-ऑपोरेटिव बैंक

- कपोल को-ऑपरेटिव बैंक

- मराठा सहकारी बैंक

- मुधोल को-ऑपरेटिव बैंक

- हिंदू को-ऑपरेटिव बैंक

- यूपी सिविल सेक्रेटेरियेएट प्राइमरी को-ऑपरेटिव बैंक

- इंडियन मर्केंटाइल को-ऑपरेटिव बैंक

- भाग्योदय अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक

- युनाइटेड को-ऑपरेटिव बैंक

- कोलिकाता महिला को-ऑपरेटिव बैंक

- यूथ डेवलपमेंट को-ऑपरेटिव बैंक

- रुपी को-ऑपरेटिव बैंक

- अडूर को-ऑपरेटिव बैंक

- श्रीआनंद को-ऑपरेटिव बैंक

- शिवम सहकारी बैंक

(ये आंकड़े 2017-19 के बीच के ही हैं)

 

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वित्त मंत्रालय को UCBs की खबर ही नहीं!

- वित्त मंत्रालय से UCBs (Urban Co-Operative Bank) की निगरानी नहीं की जाती.

- मंत्रालय में UCBs को लेकर कोई सेल/सेक्शन ही नहीं.

- UCBs के अहम रोल के बाद भी आज तक ध्यान नहीं.

- को-ऑपरेटिव संगठनों की मांग पर अब विचार शुरु हुआ.

- हर साल फेल हो रहे UCBs फिर भी कोई ध्यान नहीं.

- 2004 में 1926 UCBs थे 2018 तक घटकर 1551.

- UCBs का रेगुलेशन RBI और कृषि मंत्रालय के अधीन.

- MSCS Act और बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट के तहत कामकाज.

- RBI UCBs के सुपरविजन और रेगुलेशन तक सीमित.

- UCBs का मैनेजमेंट चेंज का अधिकार कृषि मंत्रालय को.

- NBFC जैसा अंब्रेला ऑर्गनाइजेशन बनाने पर अब काम शुरु.

- RBI का सुझाव UCBs खुद ब खुद स्मॉल फाइनेंस बैंक बनें.

देश में UCBs की हैसियत

संख्या 1551

डिपॉजिट 4,56,500 करोड़ रुपये

कुल लोन 2,80,500 करोड़ रुपये

मुनाफा 4,000 करोड़ रुपये