नई दिल्ली : बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक विलय की घोषणा की जा चुकी है. संभावना है कि इन तीनों बैंकों के विलय के बाद बनने वाला नया बैंक 1 अप्रैल से काम करना भी शुरु कर देगा. इन बैंकों के विलय से इन बैंकों के लिए बैंकिंग के मायने बदल जाएंगे. इस विलय से ग्राहकों को कई लाभ होंगे.

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बढ़ जाएगा सेवाओं का दायरा

 बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय से ग्राहकों के लिए सेवाओं का दायरा बढ़ जाएगा. दक्षिण भारत में विजया बैंक की मज़बूत पकड़ है. वहीं उत्तर और पश्चिम भारत में बैंक ऑफ बड़ौदा का काफी अच्छा नेटवर्क है. ऐसे में इन तीनों बैंकों के ग्राहकों को पूरे भारत में आसानी से सेवाएं मिल सकेंगी. वहीं इन तीनों बैंकों के एटीएम भी इस विलय के एक ही बैंक के हो जाएंगे.

विदेशों में भी बैंकिंग होगी आसान

बैंक ऑफ बड़ौदा का कई देशों में नेटवर्क है. बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाएं घाना, न्यूजीलैंड, बोत्सवाना, यूके, न्यूयॉर्क, केनिया, सउदी  अरब, युगांडा, सिडनी, ब्रुसेल्स सहित कई अन्य देशों में हैं. ऐसे में बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय के बाद विजया बैंक और देना बैंक के ग्राहकों को भी बैंक ऑफ बड़ौदा के इस अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क का लाभ मिल सकेगा. वहीं देश में विजय बैंक और देना बैंक के नेटवर्क का लाभ बैंक ऑफ बड़ौदा के ग्राहकों को मिलेगा. विलय के बाद नए बैंक के पास देश-विदेश में कुल 9,485 शाखाएं हो जाएंगी.

    

ग्राहकों को मिलेंगी आकर्षक स्कीमें

तीनों बैंकों के मर्जर के बाद बनने वाला बैंक देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा. ऐसे में इस बैंक का पास भरपूर पूंजी होगी वहीं पूंजी की लागत में भी कमी आएगी. ऐसे में ये बैंक ग्राहकों को लुभाने के लिए आकर्षक योजनाएं लाएगा. यह भी संभव है कि इस नए बैंक के ग्राहकों को शाखाओं में जाने पर बेहतरनी सुविधाएं उपलब्ध करायी जाएं. सरकार का भी मानना है कि इस विलय से बैंक के ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी, बाजार में इस बैंक के लिए ग्राहकों के बीच पहुंच पाना आसान हो जाएगा और संचालन के तरीकों में बेहतरी आएगी. इससे बैंक के कर्मियों को भी लाभ मिलेगा.

बेहतर सेवाओं के लिए बढ़ जाएंगे कर्मी

 बैंक ऑफ बड़ौदा, विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद बनने वाले बैंक के पास कुल कर्मियों की संख्या 85,000 से ज़्यादा होगी. ऐसे में न ग्राहकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध् कराने के लिए बैंक के पास पर्याप्त संख्या में कमी होंगे. वहीं तीनों बैंकों के मिल जाने के बाद कर्मियों पर भी काम का बोझ घटेगा. ऐसे में आने वाले समय में देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक निजी बैंकों की तरह अपने खाताधारकों के लिए फाइनेंशिलय असिस्टेंस के लिए भी कर्मियों की नियुक्ति कर सकता है.