Greenfield Airports: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को गुजरात में राजकोट शहर के निकट एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. यह राज्य का पहला ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा (Greenfield airport) है और इसे 1,405 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. राजकोट से लगभग 30 किलोमीटर दूर हीरासर गांव में स्थित एयरपोर्ट कैंपस 1,025.50 हेक्टेयर (2,534 एकड़) क्षेत्र में फैला हुआ है, जिसमें से भारतीय हवाई अड्डा प्राधिकरण ने 1,500 एकड़ क्षेत्र में हवाई अड्डे का निर्माण किया है. पीएम मोदी ने अक्टूबर 2017 में राजकोट शहर के निकट हीरासर गांव में इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट का शिलान्यास किया था. आइए जानते हैं कि आखिर ये ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट होते क्या है और यह आम एयरपोर्ट से कैसे अलग होते हैं. 

क्या हैं ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट

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ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट का मतलब किसी ऐसी जमीन पर एयरपोर्ट बनाना होता है, जहां पहले से कोई निर्माण न किया गया हो. एक खाली और अविकसित जमीन पर ही इसे बनाया जाता है. दरअसल, ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को किसी शहर में पहले से मौजूद एयरपोर्ट पर भीड़ को कम करने के उद्देश्य के लिए बनाया जाता है, जिससे वहां लोगों की मौजूदा भीड़ को कम किया जा सके. आमतौर पर ऐसे ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट को शहर से काफी दूर बनाया जाता है, जिससे शहर के अंदर ट्रैफिक के भार को भी कम किया जा सके.

ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट पॉलिसी

भारत सरकार ने देश में नए ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स के विकास के लिए एक ग्रीनफील्ड हवाई अड्डा (GFA) पॉलिसी, 2008 तैयार की है. इसके मुताबिक, अगर राज्य सरकार सहित कोई भी डेवलपर हवाईअड्डा विकसित करना चाहता है, तो उन्हें एक उपयुक्त साइट की पहचान करनी होगी और हवाईअड्डे के निर्माण के लिए पूर्व-व्यवहार्यता अध्ययन कराना होगा और 'साइट क्लीयरेंस' के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा और उसके बाद 'सैद्धांतिक' मंजूरी देनी होगी.

21 ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट्स को मिली मंजूरी

भारत सरकार ने 21 नए ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों (Greenfield Airports) की स्थापना के लिए सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है. जिनमें गोवा में मोपा, महाराष्ट्र में नवी मुंबई, शिरडी और सिंधुदुर्ग, कर्नाटक में कलबुर्गी, विजयपुरा, हसन और शिवमोग्गा, मध्य प्रदेश में डबरा (ग्वालियर), उत्तर प्रदेश में कुशीनगर और नोएडा (जेवर), गुजरात में धोलेरा और हीरासर, पुडुचेरी में कराईकल, आंध्र प्रदेश में दगदर्थी, भोगापुरम और ओरवाकल (कुर्नूल), पश्चिम बंगाल में दुर्गापुर, सिक्किम में पाकयोंग, केरल में कन्नूर और अरुणाचल प्रदेश में होलोंगी (ईटानगर) शामिल हैं. 

इनमें से 11 ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे जैसे दुर्गापुर, शिरडी, कन्नूर, पाकयोंग, कालाबुरागी, ओरवाकल (कुर्नूल), सिंधुदुर्ग, कुशीनगर, ईटानगर, मोपा और शिवमोग्गा चालू हो चुके हैं.

राजकोट के नए एयरपोर्ट की खासियत

  • नया टर्मिनल भवन 23,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है.
  • यह इमारत पीक आवर्स के दौरान 2800 यात्रियों को सेवा प्रदान कर सकती है.
  • टर्मिनल 20 चेक-इन काउंटर और 5 कन्वेयर बेल्ट से सुसज्जित है.
  • रनवे की लंबाई 3040 मीटर और चौड़ाई 45 मीटर है.
  • एयरपोर्ट के एप्रन की साइज 334 मीटर गुणा 152 मीटर है.
  • एप्रन एक साथ दस (10) कोड-सी प्रकार और चार (4) कोड-बी प्रकार के विमानों के बेड़े को समायोजित कर सकता है.
  • 2 लिंक टैक्सी ट्रैक, प्रत्येक की माप 428 मीटर x 23 मीटर है.
  • हवाई अड्डे ने 300 कारों और 75 दोपहिया वाहनों को समायोजित करने की क्षमता वाला एक पार्किंग क्षेत्र विकसित किया है.

हीरासर एयरपोर्ट की टर्मिनल बिल्डिंग डबल इंसुलेटेड रूफिंग सिस्टम, ऊर्जा बचत के लिए कैनोपी, एलईडी लाइटिंग, कम गर्मी बढ़ाने वाली डबल ग्लेज़िंग यूनिट, फव्वारे के साथ लैंडस्केपिंग, एचवीएसी, जल उपचार संयंत्र, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और लैंडस्केपिंग के लिए पुनर्नवीनीकरण पानी का उपयोग, गृह-IV रेटिंग को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा संयंत्र जैसी विभिन्न स्थिरता सुविधाओं से सुसज्जित है.

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