UDAN Scheme: सरकार की क्षेत्रीय संपर्क योजना उड़ान (UDAN Scheme) के अमल में आने की धीमी गति के चलते 50 प्रतिशत रूट भी चालू नहीं हो सके हैं. कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के चलते योजना आगे और प्रभावित हो सकती है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आज अपनी एक रिपोर्ट में यह बात कही. रिपोर्ट के मुताबिक 2024 तक कम से कम 1,000 क्षेत्रीय संपर्क मार्ग (RCS) शुरू करने और 100 से ज्यादा अनारक्षित और छोटे एयरपोर्ट के संचालन के लक्ष्य को पाने में दो साल की देरी हो सकती है.

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27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की शुरुआत हुई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 अप्रैल 2017 को उड़ान योजना की शुरुआत की थी, जिसका मकसद आम लोगों को हवाई सफर की सुविधा देना था. इसके लिए सरकार ने वित्तीय सहायता और बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर दिया. इक्रा के मुताबिक 31 मई तक उड़ान के तहत कुल रूट्स में से सिर्फ 47 प्रतिशत रूट और 39 प्रतिशत एयरपोर्ट ही चालू हो सके थे.

क्षेत्रीय संपर्क मार्ग  2019 और 2020 में तेजी से बढ़े

इक्रा ने कहा कि ऑपरेशन शुरू करने वाले नए आरसीएस रूट की संख्या 2019 और 2020 में तेजी से बढ़ी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते 2021 में यह रफ्तार घट गई. इक्रा के मुताबिक, वित्त वर्ष 2018 से 2021 के दौरान सरकार ने उड़ान योजना पर कुल 3,350 करोड़ रुपये खर्च किए, और वित्त वर्ष 2022 के लिए 1,130 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान किया गया है.

बुनियादी सुविधाओं की कमी

इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और कॉरपोरेट रेटिंग के समूह प्रमुख शुभम जैन ने कहा कि कुछ आरसीएस एयरपोर्ट पर बुनियादी सुविधाओं की कमी और नियामक मंजूरियों में देरी के चलते उड़ान योजना को लागू करने में देरी हो रही है. उन्होंने कहा कि कुछ रूट पर कम मांग, विपरीत मौसम दशाओं और महामारी के चलते भी योजना प्रभावित हुई है.

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