टाटा ग्रुप की तरफ से अधिग्रहण करने के बाद Air India के कायाकल्प की तैयारी जोर-शोर से चल रही है. टाटा ग्रुप ने जनवरी 2022 में एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था जिसके बाद कई तरह के बड़े बदलाव हुए हैं. ताजा खबर ये है कि एयरलाइन ने 180 एंप्लॉयी को गुड बाय बोल दिया है. ये एंप्लॉयी अलग-अलग डिपार्टमेंट में नॉन-फ्लाइंग रोल में काम कर रहे थे. 

जनवरी 2022 में टाटा ने किया था अधिग्रहण

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एयर इंडिया की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि छंटनी का शिकार लोग VRS स्कीम और री-स्किलिंग करने के अवसरों का इस्तेमाल नहीं कर पाए थे. घाटे में चल रही एयर इंडिया को जनवरी, 2022 में टाटा समूह ने सरकार से अपने नियंत्रण में लिया था और उसके बाद से ही इसके कारोबारी मॉडल को पटरी पर लाने की कोशिशें की जा रही हैं. एयर इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के तहत गैर-उड़ान कार्यों में लगे कर्मचारियों को संगठनात्मक जरूरतों और व्यक्तिगत योग्यता के आधार पर भूमिकाएं सौंपी गई हैं.

करीब 18000 एंप्लॉयी काम कर रहे हैं

एयर इंडिया खुद को ग्लोबल एयरलाइन के तौर पर स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है. जनवरी 2022 में जब टाटा ग्रुप ने इसका अधिग्रहण किया था तब करीब 13000 एंप्लॉयी काम कर रहे थे. अब एयरलाइन के साथ करीब 18000 एंप्लॉयी काम कर रहे हैं. एयरलाइन का फोकस अब यंग टैलेंट पर है और उनकी लगातार हायरिंग भी की जा रही है. पुराने एंप्लॉयी को VRS और री-स्किलिंग का मौका दिया गया. जो एंप्लॉयी इन दोनों में असफल रहे उन्हें अब निकाला गया है.

एंप्लॉयी को VRS की सुविधा दी गई थी

जानकारी के मुताबिक, एयर इंडिया ने कैंटिन सर्विस, हायजीन  और एसी सर्विस स्टॉफ के लोगों को नौकरी से बाहर निकाला है. इससे पहले 12 मार्च को एयरलाइन ने 53 स्टॉफ को बाहर निकाला था. बता दें कि भारत सरकार ने एयर इंडिया से कहा था कि वे कम से कम 1 साल तक किसी को नहीं निकालेंगे. उसके बाद VRS की की सुविधा दी जाएगी. जो एंप्लॉयी निकाले गए हैं, ना तो उन्होंने वीआरएस लिया था और ना ही ऑर्गनाइजेशन के किसी रोल में फिट बैठ रहे थे.

(भाषा इनपुट के साथ)