सीरियस फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन ऑफिस (SFIO) ने जेट एयरवेज़ के मामले में शामिल पार्टी और थर्ड पार्टी ट्रांजेक्शंस की जांच शुरु कर दी है. सूत्रों के मुताबिक SFIO ये समझना चाहती है कि थर्ड पार्टी, शामिल पार्टी ट्रांजेक्शन क्या वाजिब रेट पर किए गए थे.

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कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय को शुरुआती जांच में जेट एयरवेज़ के खातों से पैसों के हेरफेर के संकेत मिले थे. SFIO इस मामले में जेट एयरवेज़ और प्रोमोटर ग्रुप के अलावा दूसरी कंपनियों के साथ हुए सौदों की बारीकी से जांच कर रही है.

SFIO जांच के दायरे में जेट एयरवेज़ और प्रोमोटर ग्रुप से जुड़ी कंपनियों जैसे कि जेट प्रिविलेज, जेट लाइट, एयरजेट ग्राउंड सर्विसेज़, एयरजेट इंजीनियरिंग सर्विसेज़ और एयरजेट ट्रेनिंग सर्विसेज़ एयरजेट सिक्योरिटीज़ एंड एलाइड सर्विसेज़ जैसी कंपनियां हैं.

जेट एयरवेज़ में SFIO के अलावा प्रवर्तन निदेशालय (ED) और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की भी जांच चल रही है. ED इस बात की जांच कर रही है कि जेट प्रिविलेज में एतिहाद की हिस्सेदारी किस तरह 50.10 फीसदी तक पहुंची. जबकि एविएशन सेक्टर में निवेश में 49 फीसदी तक ही FDI सीमा है. 

 

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट टैक्स चोरी के मामले की जांच कर रहा है. कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की अर्ज़ी पर सरकार ने नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और जेट के सीईओ रहे विनय दुबे के देश छोड़कर जाने पर रोक लगा रखी है. जबकि जून में बैंकों की ओर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने एयरलाइन के खिलाफ मुंबई NCLT में केस दायर कर रखा है और एयरलाइन को बेचने की प्रक्रिया शुरू की गई है. फंडिंग की किल्लत के चक्कर में जेट एयरवेज़ की उड़ानें 17 अप्रैल को बंद हो गई थीं.

-जेट के डील्स की SFIO ने जांच शुरू की

-रिलेटेड पार्टी और थर्ड पार्टी सौदों की जांच

-सौदे वाजिब रेट पर हुए या नहीं इसकी जांच

-प्रमोटर ग्रुप कंपनियों के सौदों पर खास नज़र

-MCA की शुरुआती जांच में हेरफेर के संकेत