Price cap on flight tickets: देश के नागरिक विमानन (Civil Aviation) सेक्टर से बड़ी खहर है. केंद्र सरकार की एविएशन सेक्टर में बड़े रिफॉर्म करने की तैयारी है. जल्द फ्लाइट के किराये पर पूरी तरह से प्राइस कैप (Price cap on Flight Tickets) हटाने पर सरकार विचार कर सकती है. इस मुद्दे पर नागरिक उड्डयन मंत्रालय (Ministry of Civil Aviation) और घरेलू एयरलाइंस (domestic airlines) के बीच बातचीत हुई है. ऐसे में यह खबर एयर ट्रैवल करने वाले पैसेंजर्स पर भी सीधे असर डालने वाली है. 

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सरकार प्राइस कैप पर जल्द कुछ फैसला ले सकती है

खबर के मुताबिक, पिछले हफ्ते नागरिक उड्डयन मंत्रालय और घरेलू एयरलाइंस के बीच प्राइस कैप के मुद्दे पर बातचीत हुई है. उसके बाद यह निकलकर सामने आया है कि सरकार प्राइस कैप पर जल्द कुछ फैसला लेगी. प्राइस कैप का मतलब है कि जिस सेक्टर में फ्लाइट जा रही है, उसके लिए सरकार की तरफ से किराये के मैक्सिमम लिमिट से ज्यादा एयरलाइंस किराया नहीं वसूल सकती हैं. 

कोविड की तीसरी लहर की आशंका का इंतजार करना कितना सही

देश की एविएशन इंडस्ट्री ने मंत्रालय के सामने अपना तर्क रखा जिसमें कहा कि अभो कोविड 19 की तीसरी लहर की आशंका नहीं जताई जा सकती और प्राइस कैप हटाने पर ही एविएशन इंडस्ट्री को प्रॉफिट हो सकता है. अगर कंपनियां अपने प्रॉफिट को संभाल नहीं पाई और कोविड की तीसरी लहर की आशंका लिए बैठ गई तो दिक्कतें आएंगी.

इंडस्ट्री की प्राइस कैप हटाने की डिमांड को नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया (Civil Aviation Minister Jyotiraditya Scindia) ने सुना. उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक है. उन्होंने कहा कि चूकि तीसरी लहर अभी आई नहीं है और मान लिया जब तक आएगी तब तक के लिए तो प्राइस कैप हटाने पर विचार किया जा सकता है. 

फ्लाइट की क्षमता बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने की अपील 

एयरलाइंस कंपनियों ने मंत्रालय से फ्लाइट की क्षमता बढ़ाकर 85 प्रतिशत करने की अपील की है और इसको लेकर रिव्यू भी किया जा रहा है. बता दें, सिविल एविएशन सेक्टर में अक्टूबर से आमतौर पर पीक एयर ट्रैवल सीजन शुरू हो जाता है और एयरलाइन कंपनियां इसका फायदा उठाना चाह रही हैं. 

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आपके लिए ये समझना है जरूरी

सरकार अगर प्राइस कैप हटाती है तो फ्लाइट का किराया तय करने का पूरा अधिकारी एयरलाइंस कंपनियों के पास होगा. ऐसे में इसकी पूरी संभावना है कि कंपनियां अपनी प्रॉफिट बढ़ाने के लिए किराये में बढ़ोतरी कर सकती हैं. ऐसे में आपका एयर ट्रैवल आने वाले दिनों में महंगा हो सकता है. साथ ही एयरलाइन यह भी तय कर सकेंगी कि हमें कहां कितनी फ्लाइट चलानी है. हालांकि अगर सरकार यह फैसला लेती है तो एयरलाइन कंपनियों को काफी मदद भी मिलेगी जो पहले से ही चुनौतियों का सामना कर रही है.