प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने जेट एयरवेज की स्थिति पर विचार विमर्श के लिये आवश्यक बैठक बुलाई. समाचार एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे. सरकार की सबसे पहली चिंता जेट एयरवेज के बंद होने से बड़ी संख्या में लोगों के बेरोजगार होने को लेकर है. इसके साथ ही भारतीय विमानन क्षेत्र की एक बड़ी कंपनी के बंद होने के चलते हवाई यात्रा महंगी होने की आशंका भी है. माना जा रहा है कि बैठक में इन सभी बिंदुओं पर विचार किया जाएगा.

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सूत्रों ने बताया कि नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने विभाग के सचिव से जेट एयरवेज से संबंधित मुद्दों की समीक्षा को कहा था. उसके बाद यह बैठक बुलाई गई. इस बीच एक डीजीसीए अधिकारी ने बताया है कि जेट एयरवेज फिलहाल घरेलू मार्गों पर 50 से भी कम उड़ान सेवाओं का परिचालन कर रही है. जेट एयरवेज के पास फिलहाल सिर्फ 16 विमान परिचालन के लिये उपलब्ध हैं. 

संकटग्रस्त जेट एयवेज ने नकदी की कमी के चलते अपने अंतरराष्ट्रीय उड़ान परिचालन को सोमवार तक के लिए निलंबित कर दिया है. वहीं, स्टेट बैंक के नेतृत्व वाले बैंकों के समूह द्वारा हिस्सेदारी की बिक्री के लिए आमंत्रित बोली की समयसीमा शुक्रवार को समाप्त हो गयी. बैंकों का समूह एयरलाइन के दैनिक परिचालन को देख रहा है. बोली सौंपने के लिये समयसीमा को दो दिन बढ़ाकर शुक्रवार किया गया था.

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मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक एयरलाइन के संस्थापक नरेश गोयल, यूएई की एत्तिहाद एयरवेज, एयर कनाडा और अन्य निवेशकों ने एयरलाइन के लिये बोली सौंपी हैं. एयरलाइन ने अपने अंतरराष्ट्रीय परिचालन को अस्थायी तौर पर निलंबित रखने की बृहस्पतिवार को घोषणा की थी. इसके अलावा पट्टे का किराया नहीं दे पाने के कारण 10 और विमानों के परिचालन सेवाओं से बाहर होने के बाद जेट एयरवेज ने पूर्वी और पूर्वोत्तर भारत में परिचालन सेवाओं को निलंबित करने की घोषणा की थी.