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जेट ऐयरवेज के कर्मियों ने नौकरी बचाने के लिए खोला मोर्चा, सरकार से की ये मांग

आर्थिक तंगी से जूझ रहे जेट ऐयरवेज के कर्मचारियों ने अपने भविष्य की चिंताओं और बकाया वेतन की मांग के साथ शुक्रवार को मुम्बई के आजाद मैदान में धरने पर बैठ गए है.
Updated on: May 03, 2019, 01.44 PM IST
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कर्मचारियों ने सरकार के जल्द कदम उठाने की मांग की (फोटो-एएनआई)

जेट एयेरवेज के कर्मचारियों की मांग है कि यदि जल्द कोई निवेशक नहीं मिलता है तो सरकार मामले की गंभीरतो को देखते हुए आगे आए और जेट ऐयरवेज को बेलआउट पैकेज दे और कंपनी को मुश्किल से निकाले. जेट ऐयरवेज के बंद होने पर बड़ी संख्या में लोगों की नौकरी जाएगी. सरकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए.

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गुरुवार को एसबीआई कैपिटल के अधिकारियों के साथ जेट के कर्मियों ने बैठक की (फोटो-एएनआई)

जेट एयरवेज के लिये बोली लगाने की योजना बना रहे कर्मचारी समूह के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को एसबीआई कैपिटल मार्केट के अधिकारियों के साथ बैठक की और बोली प्रक्रिया से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की. कर्मचारियों की दो यूनियनों ने बयान में यह जानकारी दी. कर्मचारी समूह के संकटग्रस्त एयरलाइन को अपने नियंत्रण में लेने के प्रस्ताव के दो दिन बाद यह बैठक हुई है.

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7000 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया (फोटो-एएनआई)

समूह ने बोली के लिये बाहरी निवेशकों से कम-से-कम 3,000 करोड़ रुपये की उम्मीद के साथ यह प्रस्ताव किया है. बयान के अनुसार मुंबई में हुई बैठक में एसबीआई कैपिटल के अधिकारियों ने बोली की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी. बोली फिलहाल जारी है. उन्होंने सभी स्रोतों से मिलाकर कुल 7000 करोड़ रुपये जुटाने का वादा भी किया है.

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कर्मचारियों को मिल सकता है मालिकाना हक (फोटो-एएनआई)

सोसाइटी फार वेलफेयर आफ इंडियन पायलट्स (एसडब्ल्यूआईपी) तथा जेट एयरक्राफ्ट मेनटेनेन्स इंजीनियर्स वेलफेयर एसोसिएशन (जेएएमईवीए) ने बयान जारी किये. बयान में कहा गया है, 'एसबीआई कैपिटल की टीम ने कहा कि कर्जदाता स्थिति की समीक्षा कर सकते हैं और बोली प्रक्रिया पूरी होने तथा संतोषजनक समाधान नहीं निकलने पर किसी अन्य विकल्प या प्रस्ताव पर विचार कर सकते हैं. इसमें कर्मचारियों के मालिकाना हक का प्रस्ताव शामिल है.'