बजट सत्र के दौरान राज्य सभा में सांसद संजय सिंह ने कोरोना के चलते रद्द हुई अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से हुए सरकार से सवाल पूछा. सवाल के दौरान पूछा गया कि सरकार को कोरोना के दौरान रद्द हुईं अतंरराष्ट्रीय उड़ानों से कितना नुकसान उठाना पड़ा. इसके जवाब में सिविल एविएशन मिनिस्टर रिटायर्ड जनरल वीके सिंह ने बताया कि 2020-21 के दौरान एयर इंडिया को उड़ानें रद्द होने से 7083.91 करोड़ रुपए और एयरपोर्ट अथॉरिटी को 2767.01 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ. सरकार की ओर से ये भी जवाब दिया गया कि अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के ठप होने से हुए नुकसान को लेकर अलग से कोई आकलन नहीं किया गया है.

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प्रश्नकाल के दौरान रिलीफ पैकेज पर सवाल

सांसद संजय सिंह ने एयर इंडिया और एयरपोर्ट अथॉरिटी को हुए नुकसान के अलावा ये भी सवाल पूछा कि सरकार ने कोरोना के चलते रद्द हुईं इंटरनेशनल फ्लाइट्स से होने वाले नुकसान से उबारने के लिए प्राइवेट कैरियर ऑपरेटर्स को कितना रिलीफ पैकेज दिया गया? 

इस सवाल के जवाब में नेशनल क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट्री कंपनी लिमिटेड से मिली जानकारी के मुताबिक एविएशन सेक्टर से जुड़े उधारकर्ताओं को क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) के तहत गारंटी सपोर्ट का फायदा मिला है. कंपनियों की मदद के लिए सरकार ने इस इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम को मार्च 2023 तक के लिए बढ़ा दिया गया है.

कोरोना के चलते अंतरराष्ट्रीय उड़ानें स्थगित

कोरोना संक्रमण के चलते मार्च 2020 से नियमित उड़ने वाली अंतरराष्ट्रीय फ्लाइट्स बंद कर दी गईं थीं. लेकिन कोरोना के कम होते केस और बढ़ते वैक्सीनेशन के चलते उड़ान संबंधी प्रतिबंधों में ढील दी गई. भारत मेंभी  अन्य देशों की तरह 'एयर बबल' व्यवस्था के साथ फ्लाइट उड़ाई जा रही हैं.

19 जनवरी 2022 को जारी सर्कुलर में सरकार की ओर से कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय कमर्शियल पैसेंजर सर्विस को 28 फरवरी 2022 तक सस्पेंशन बढ़ा दिया गया था हालांकि ये सभी अंतरराष्ट्रीय ऑल-कार्गो ऑपरेशन्स और DGCA से अप्रूव्ड फ्लाइट्स पर लागू नहीं है.