Long distance flight affects body: अगर आप फ्लाइट से लंबी यात्रा (Long distance flight) करते हैं तो आपको खुद का खास ख्याल रखना चाहिए. एडिलेड विश्वविद्यालय में क्लिनिकल लेक्चरर, कमर्शियल पायलट और एयरोस्पेस चिकित्सा विशेषज्ञ टोनी शिएमर कहते हैं कि लंबी दूरी की फ्लाइट का असर आपके शरीर पर पड़ता है. क्योंकि कई बार लोग 19-20 घंटे तक के हवाई सफर पर भी होते हैं तो ऐसे में स्वास्थ्य से जुड़ी कुछ समस्याएं आने की संभावना बढ़ जाती हैं. भाषा की खबर के मुताबिक, ऐसी ही किसी लंबी उड़ान के दौरान आपके शरीर पर क्या असर होगा? जब आप लंबी दूरी की उड़ान भरते हैं तो क्या यह अलग होता है? इन बातों को यहां समझ लेते हैं.

आप डिहाइड्रेटेड हो सकते हैं

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लंबी दूरी की फ्लाइट में डिहाइड्रेटेड (निर्जलीकरण) आम है. इससे समझा जा सकता है कि आपका गला, नाक और त्वचा एयर ट्रैवल के दौरान ड्राई क्यों महसूस करते हैं. फ्लाइट का सफर (Long distance flight affects body) जितना लंबा होगा, डिहाइड्रेशन का खतरा उतना ही ज्यादा होगा. इसकी वजह यह है कि केबिन में नमी का लेवल जमीन पर नमी के लेवल से कम होता है. यह ज्यादातर इसलिए है क्योंकि केबिन में जो हवा मौजूद होती है, उसमें से ज्यादातर हवा बाहर से खींची जाती है, और ऊंचाई पर हवा में बहुत ज्यादा नमी नहीं होती है. खबर के मुताबिक आपको पर्याप्त पानी नहीं पीने, या बहुत ज्यादा वाइन पीने से भी डिहाइड्रेशन का जोखिम हो सकता है. चूकि शराब एक मूत्रवर्धक है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर से ज्यादा मात्रा में तरल पदार्थ निकलते हैं.इसलिए प्लेन में चढ़ने से पहले पानी पिएं उड़ान के दौरान भी आपको सामान्य से ज्याद पानी पीने की जरूरत होगी.

कान, साइनस, आंत और नींद पर हो सकता है असर

केबिन आपके कान, साइनस, आंत और नींद के साथ खिलवाड़ कर सकता है क्योंकि केबिन का दबाव जैसे ही बदलता है, हमारे शरीर में गैस उसी के मुताबिक रिएक्ट करती है. जैसे ही विमान ऊपर जाता है और दबाव कम होता है, यह फैलता है, और जब हम नीचे उतरते हैं तो इसके विपरीत होता है. इससे आम समस्याएं हो सकती हैं जैसे:

कान का दर्द - जब आपके कान के पर्दे के दोनों ओर हवा का दबाव अलग होता है, तो कान के पर्दे पर दबाव पड़ता है.

सिरदर्द - आपके साइनस में फंसी हवा के फैलने के चलते हो सकता है

आंत की समस्याएं - मान ही लीजिये कि आप ज्यादा गैस छोड़ने जा रहे हैं.

आप सामान्य से ज्यादा नींद भी महसूस कर सकते हैं. ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर ऊंचाई पर केबिन की हवा से उतनी ऑक्सीजन अवशोषित नहीं कर पाता जितना कि जमीन पर होता है. धीमा होना शरीर का अपनी रक्षा करने का तरीका है, और इससे आपको नींद आ सकती है. अच्छी खबर यह है कि इनमें से अधिकतर समस्याएं लंबी उड़ानों के दौरान ज्यादा महसूस नहीं होंगी. वे मुख्यत: विमान के चढ़ने और उतरने के दौरान महसूस होती हैं.

रक्त के थक्के हो सकते हैं डेवलप

लंबे समय तक गतिहीन रहने से जुड़े रक्त के थक्के आमतौर पर यात्रियों के लिए एक बड़ी चिंता का विषय होते हैं. इनमें पैर में बनने वाले थक्के (डीप वेन थ्रॉम्बोसिस या डीवीटी) शामिल हैं जो फेफड़े तक जा सकते हैं (जहां इसे पल्मोनरी एम्बोलिज्म के रूप में जाना जाता है). अगर आप हवाई जहाज़ पर इधर-उधर नहीं जाते हैं, और आपके पास निम्नलिखित जोखिम कारक जितने ज्यादा होंगे, रक्त के थक्कों के विकसित होने की संभावना उतनी ही ज्यादा होगी.

बड़ी उम्र, मोटापा, पिछला इतिहास या थक्के का पारिवारिक इतिहास, कुछ प्रकार के थक्के विकार, कैंसर, हाल ही में सर्जरी, गर्भावस्था या हाल ही में प्रसव, हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी या मौखिक गर्भनिरोधक गोली, 2022 में एक समीक्षा के मुकाबिक, 18 अध्ययनों के डेटा को मिलाकर, आप जितनी लंबी यात्रा करेंगे, रक्त के थक्कों का जोखिम उतना ही अधिक होगा. 

एयरलाइन की सलाह को न करें नजरअंदाज

टोनी शिएमर का कहना है कि एयरलाइंस (Long distance flight affects body) द्वारा आपको दी जाने वाली सलाह का पालन करें, और अगर जरूरत हो तो यात्रा करने से पहले अपने डाक्टर से मिलें. उड़ान के दौरान, केबिन में इधर-उधर जाने, पानी पीने, मास्क पहनने और हाथों की अच्छी हाइजीन का ख्याल रखने के लिए अतिरिक्त प्रयास करें. और अपनी उड़ान के बाद किसी भी चिंताजनक लक्षण के लिए तुरंत डॉक्टर से मिलें, क्योंकि रक्त के थक्कों को बनने, बढ़ने और आपकी नसों के साथ चलने में घंटे या दिन भी लग सकते हैं.

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