जेट एयरवेज (Jet Airways) ने अपने कर्मचारियों का मार्च महीने का वेतन टाल दिया है. कंपनी ने इसके लिए ऋण समाधान योजना को अंतिम रूप देने में आ रही "जटिलताओं" का हवाला दिया है. इससे पहले, जेट एयरवेज अगस्त से अपने पायलटों, इंजीनियरों और वरिष्ठ अधिकारियों की सैलरी में देरी करती रही है, जिनका जनवरी से भुगतान नहीं किया गया है. कंपनी की वेतन सूची में 16,000 से अधिक कर्मचारी हैं.

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जेट एयरवेज के मुख्य पीपल अधिकारी राहुल तनेजा ने कहा, "समाधान योजना को अंतिम रूप देने में जटिलताओं को देखते हुए इसमें उम्मीद से ज्यादा समय लग रहा है. हालांकि, हम समाधान खोजने के लिए संस्थानों और ऋणदाताओं के साथ विचार-विमर्श कर रहे हैं और इसे लेकर प्रयास करते रहेंगे." 

उन्होंने कहा, "मौजूदा परिस्थिति को देखते हुए हम बताया चाहते हैं कि मार्च 2019 के वेतन में देरी होगी." प्रबंधन ने यह नहीं बताया है कि वेतन कब दिया जाएगा. इसमें कहा गया है कि कंपनी 9 अप्रैल को इस मामले में अगली जानकारी देगी.

उधर, एयरलाइन के प्रवर्तक और पूर्व चेयरमैन नरेश गोयल ने कहा है कि उन्होंने एयरलाइन को समय पर कोष उपलब्ध कराने के लिए कर्जदाताओं द्वारा रखी गई हर तरह के नियम, शर्त को स्वीकार किया. कर्ज संकट से जूझ रही इस एयरलाइन के कर्जदाता कंपनी का नियंत्रण अपने हाथ में लेंगे और इसमें 1,500 करोड़ रुपये का कोष डालेंगे.

गोयल ने कहा कि उन्होंने भारतीय कर्जदाताओं के समूह को सहयोग देने के लिये पूरी ईमानदारी के साथ कुछ कड़े, व्यक्तिगत फैसले लिये. ‘‘...मैंने उनकी समयबद्ध तरीके से रखी गई हर शर्त को माना.’’ 

गोयल का यह वक्तव्य ऐसे समय आया है जब एयरलाइन ने यह खुलासा किया है कि पट्टा किराया नहीं देने की वजह से उसके 15 और विमान खड़े कर दिये गये हैं. 

जेट एयरवेज के निदेशक मंडल की 25 मार्च को हुई बैठक में कर्ज समाधान योजना के तहत कंपनी में 1,500 करोड़ रुपये डाले जायेंगे और उसके ऋण को इक्विटी पूंजी में बदला जायेगा. इसके साथ ही गोयल और उनकी पत्नी अनिता गोयल निदेशक मंडल से बाहर होंगे. इस बदलाव के बाद कंपनी में गोयल की हिस्सेदारी घटकर 25 प्रतिशत और उसके भागीदार एतिहाद की हिस्सेदारी 12 प्रतिशत रह जाएगी.