जेट एयरवेज (Jet Airways) मामले में नया मोड़ आ गया है. एयरलाइन को कर्ज उपलब्‍ध कराने वाले बैंक SBI ने सोमवार को NCLAT में कैविएट दाखिल कर दी है. 'जी बिजनेस' को सूत्रों से मिली एक्‍सक्‍लूसिव जानकारी के मुताबिक नीदरलैंड कोर्ट की कार्रवाई को ध्यान में रखकर कैविएट दाखिल की गई हैै ताकि NCLAT, SBI का पक्ष सुनकर ही कोई फैसला दे.

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सूत्रों ने बताया कि नीदरलैंड कोर्ट ने जेट के खिलाफ बैंकरप्सी अर्ज़ी मंजूर की है. कोर्ट की तरफ से नियुक्त एडमिनिस्‍ट्रेटर ने दखल दिया था. उसने NCLT में दलील दी थी कि 1 कंपनी पर 2 बैंकरप्सी केस कैसे हो सकते हैं? हालांकि NCLT मुंबई ने एडमिनिस्ट्रेटर के दखल को नहीं माना था. NCLT ने आदेश में कहा था कि विदेशी कानून भारत पर लागू नहीं होता.

इससे पहले SBI की अगुवाई वाले कर्जदारों के संघ ने कहा था कि उन्‍होंने 'इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड (IBC) के तहत समाधान करने का फैसला किया है, क्योंकि केवल सशर्त बोली प्राप्त हुई है और सेबी की छूट के लिए निवेशक की आवश्यकता और सभी कर्जदाताओं का समाधान आईबीसी के तहत संभव है.

कर्जदाता अपने 8,500 करोड़ रुपये के बकाये की वसूली के लिए NCLT गए हैं. SBI के एक अधिकारी ने बताया था कि जेट एयरवेज के संबंध में आगे का मार्ग तलाशने पर विचार करने के लिए कर्जदताओं की बैठक हुई थी. विचार-विमर्श के बाद कर्जदाताओं ने आईबीसी के तहत समाधान तलाशने का फैसला किया था.

एजेंसी इनपुट के साथ