जेट एयरवेज (Jet Airways) के दोबारा उड़ान भरने की उम्‍मीद पर पानी फिर सकता है. दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (SBI) की अगुवाई में बैंकों के गठजोड़ ने निजी क्षेत्र की विमानन कंपनी जेट एयरवेज को फिर खड़ा करने की अपनी ओर से की जा रही कोशिश छोड़ दी है. बैंकों के गठजोड़ ने ठप पड़ी इस एयरलाइन में फंसे अपने कर्ज के समाधान का मामला दिवाला संहिता के तहत कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (NCLT) में भेजने का फैसला किया है.

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आज हुआ फैसला

बैकों को अब तक के प्रयास में कर्ज में डूबी इस एयरलाइन को दोबारा खड़ा करने के लिए किसी इकाई से कोई पुख्ता प्रस्ताव प्राप्त नहीं हुआ है. बैंकों की सोमवार को हुई बैठक में यह फैसला किया गया. 

सिर्फ 1 बोली आई

एसबीआई ने बयान में कहा कि गहन मंथन के बाद लेंडरों ने फैसला किया है कि दिवाला संहिता के तहत जेट एयरवेज के मामले का निपटान किया जाए. एयरलाइन के लिए सिर्फ एक बोली ही प्राप्त हुई है. उसके साथ भी शर्त जुड़ी है.

सेबी से छूट चाहता है निवेशक

यह कदम इसलिए जरूरी है क्योंकि संभावित निवेशक सौदे के तहत सेबी के कुछ छूट चाहता है. इस तरह का सौदा दिवाला एवं शोधन अक्षमता संहिता के तहत बेहतर तरीके से हो सकता है. बैंक ने कहा कि लेंडर ठप खड़ी विमानन कंपनी का समधान दिवाला संहिता (IBC) से बाहर निपटाना चाहते थे, लेकिन अब आईबीसी के तहत ही निपटान का फैसला किया गया है. 

दो फर्म गईं NCLT

जेट एयरवेज के साथ व्यवसायिक सौदों में उधार देने वाली दो फर्मों शैमन व्हील्स और गग्गर एंटरप्राइजेज ने एयरलाइन के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के लिए 10 जून को एनसीएलटी में अपील की थी. न्यायाधिकरण ने अभी तक इन याचिकाओं को सुनवाई के लिए स्वीकार नहीं किया है. 13 जून को न्यायाधिकरण ने इस मामले की आगे की सुनवाई के लिए 20 जून की तारीख तय की है. 

जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद

एनसीएलटी ने संबंधित पक्षों से जेट एयरवेज को कानूनी नोटिस भेजने को कहा है. जेट एयरवेज का परिचालन 17 अप्रैल से बंद है. एयरलाइन पर शामन व्हील्स का 8.74 करोड़ रुपये और गग्गर का 53 करोड़ रुपये का बकाया है. 

बैंकों के गठजोड़ का 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया

जेट एयरवेज पर एसबीआई की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ का 8,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. अभी एयरलाइन का परिचालन बैंकों द्वारा ही किया जा रहा है. यही जेट एयरवेज का कुल नुकसान 13,000 करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. एयरलाइन पर उसे माल और सेवाएं देने वालों का 10,000 करोड़ रुपये और कर्मचारियों के वेतन का 3,000 करोड़ रुपये का बकाया है.