समस्याओं में घिरी जेट एयरवेज के घरेलू पायलटों के संगठन नेशनल एविएटर्स गिल्ड (एनएजी) ने मंगलवार को एयरलाइन को नोटिस दिया. नोटिस में बकाया वेतन के भुगतान के लिये प्रबंधन को 14 अप्रैल तक का समय दिया है. नकदी समस्या से जूझ रही जेट एयरवेज के पायलटों के साथ इंजीनियर तथा वरिष्ठ कार्यकारियों को पिछले तीन महीने से वेतन नहीं मिला है. इसी कारण पिछले सप्ताह कंपनी के मालिकाना हक में बदलाव हुआ और बहुलांश हिस्सेदारी बैंकों के पास आ गई.

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इन कर्मचारियों के अलावा एयरलाइन ने अन्य कर्मचारियों को भी मार्च का वेतन नहीं दिया है. एनएजी ने कानूनी नोटिस में कहा, ‘‘कर्मचारियों ने जेट एयरवेज के प्रबंधन से बकाये वेतन के भुगतान के लिये 14 मार्च तथा आगे से वेतन भुगतान हर महीने की पहली तारीख करने को कहा है.’’ नोटिस में कहा गया है, ‘‘ऐसा नहीं होने पर कर्मचारी वेतन भुगतान को लेकर सभी संवैधानिक और कानूनी कदम उठाएंगे.’’ 

एनएजी ने दावा किया कि वह एयरलाइन के कुल 1,600 पायलटों में से 1,100 का प्रतिनिधित्व करता है. इससे पहले, संगठन ने वेतन भुगतान में देरी के कारण 1 अप्रैल से उड़ान नहीं भरने का आह्वान किया था. बाद में इसे टालकर 14 अप्रैल कर दिया गया.

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आर्थिक संकट से जूझ रही कंपनी जेट एयरवेज के 15 से भी कम विमान अब परिचालन में हैं. नागर विमानन सचिव पी.एस.खरोला ने कंपनी के सक्रिय विमानों की संख्या पूछे जाने पर पहले कहा था कि 28 विमान परिचालन में थे. इससे जेट एयरवेज देश की सबसे छोटी एयरलाइन बन गई है. इससे वह अंतरराष्‍ट्रीय रूट पर भी परिचालन नहीं कर पाएगी.