मुंबई से जयपुर जा रहे जेट एयरवेज के विमान में केबिन प्रेशर कम होने से 30 यात्रियों के नाक और कान से खून बहने लगे, जिस कारण विमान को वापस मुंबई लाया गया. जेट एयरवेज के प्रवक्ता ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे (सीएसएमआईए) से उड़ान संख्या 9डब्ल्यू-697 को उड़ान भरने के कुछ देर बाद ही इस शिकायत के बाद वापस बुलाना पड़ा. विमान में 166 यात्री और चालक दल के 5 सदस्य सवार थे.

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कई यात्रियों ने सिर और कान में बेहद दर्द की शिकायत की. विमान के लौटने के बाद हवाईअड्डे पर डॉक्टरों की एक टीम ने यात्रियों को तुरंत चिकित्सीय सुविधा दी. हवाईअड्डे के सूत्रों ने बताया कि हो सकता है कि चालक दल के सदस्य विमान के उड़ान भरने पर केबिन का प्रेशर मेंटेन करने के लिए उपलब्ध बटन 'ब्लीड स्विच' को ऑन करना भूल गए हों, जिस वजह से यह घटना हुई. 

जेट एयरवेज ने कहा कि विमान के कॉकपिट क्रू को ड्यूटी से हटा दिया गया है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा है कि उसने मामले का संज्ञान लिया है और नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) से इसकी जांच जल्द से जल्द रिपोर्ट देने को कहा है. इस घटना से नाराज कुछ यात्रियों ने सोशल मीडिया पर एयरलाइंस के खिलाफ अपनी दशा को पूरी तरह से अनदेखा करने का आरोप लगाया.

एक यात्री ने ट्वीट कर बताया, "उड़ान में तकनीकी गलती के कारण अराजकता की स्थिति. उड़ान टेकऑफ के 45 मिनट के बाद मुंबई वापस आई. मैं और सभी यात्री सुरक्षित हैं." उन्होंने दावा किया कि एयर कंडीशन व्यवस्था में खराबी आने के बाद वायु दबाव प्रणाली खराब हो गई और ऑक्सीजन मास्क गिरा दिए गए.

कई यात्रियों ने शिकायत की कि उन्हें लंबे समय तक विमान में बैठने को मजबूर होना पड़ा. ना ही नाश्ता दिया और ना ही एयरलाइंस की ओर से कोई जानकारी दी गई. एक अन्य यात्री ने कहा, "आपातकाल लैंडिंग हुई. अब क्या? ग्राउंड स्टाफ के पास भी कोई जवाब नहीं. क्या करें." कई यात्रियों ने उड़ान में हुए घटनाक्रम की छोटी वीडियो क्लिप साझा की हैं.

इनपुट एजेंसी से