जेट एयरवेज़ के शेयर भले ही दौड़ लगा रहे हैं. लेकिन एयरलाइन के लिए उबरना इतना आसान नहीं लग रहा है. कई बोली लगाने वाली कंपनियों की जेट एयरवेज में दिलचस्पी घट रही है. जेट एयरवेज़ में हिस्सेदार और बोली लगाने वालों में अकेली एविएशन कंपनी एतिहाद अपने पांव पीछे खींच सकती है.

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बैंकिंग सूत्रों के मुताबिक, एतिहाद एयरलाइन्स न केवल भारी भरकम हेयरकट चाहती है. बल्कि खुद भी ज्यादा पूंजी डालने को तैयार नहीं है. वर्किंग लोन के लिए भी वह बैंकों पर ही निर्भर है. बोली लगाने वाली दूसरी कंपनियां भी जेट एयरवेज़ की उड़ानें जारी रहने तक तो काफी उत्साहित थीं. लेकिन कामकाज ठप होने के बाद पार्किंग लॉट और उड़ानों के स्लॉट अन्य एयरलाइंस को दिए जाने से वे बहुत खुश नहीं हैं. हालांकि, सरकार ने दूसरी एयरलाइंस को स्लॉट अधिकतम तीन महीने के लिए देने जा रही है. लेकिन बोली लगाने वाली कंपनियों को ये स्लॉट वापस ले पाना आसान नहीं लग रहा है. कहा जा रहा है कि जेट में इनवेस्ट करने वाले के हाथ क्या लगेगा. इन सवालों का सही जवाब नहीं मिलने के कारण निवेशक जेट एयरवेज में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं.

कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्रालय की ओर से भी जेट एयरलाइंस के खिलाफ एक पुराने मामले में जांच जारी है. ऐसे कई पहलू हैं जिसे देखकर निवेशक हिचक रहे हैं. इस बीच जेट के कर्मचारियों ने भी संकेत दे दिए हैं कि अगर मामले का कोई हल नहीं निकला तो वे अपना बकाया वसूलने के लिए एयरलाइन को NCLT में घसीट सकते हैं.

जेट एयरवेज़ में 75 फीसदी तक हिस्सेदारी खरीदने के लिए कंपनियों से बोलियां मंगवाई जा रही हैं. बोली लगाने वालों को 10 मई तक बोली सौंपनी है. अब तक NIIF, एतिहाद, इंडिगो पार्टनर्स और TPG ने बोलियों में दिलचस्पी दिखाई है.

संकट से कैसे उबरेगा जेट

- अंतिम बोली लगाने के लिए घट रही है अब दिलचस्पी.

- एतिहाद अंतिम बोली में अपने पांव पीछे खींच सकती है.

- एतिहाद को भारी हेयरकट, बैंकों से ही लोन भी चाहिए.

- अन्य बोली वाली कंपनियां स्लॉट, पार्किंग लॉट पर चिंतित.

- उड़ानें जारी रहने तक कंपनियों को काफी दिलचस्पी थी.

- जेट के हिस्से के स्लॉट 3 महीने के लिए दूसरों को दिए जाएंगे.

- MCA की ओर से भी जेट के खिलाफ पुराने केस में जांच.

- कर्मचारी बकाए के लिए जेट को NCLT में घसीट सकते हैं.

- जेट में 75% तक हिस्से के लिए बोलियां मंगाई गई हैं.

- 10 मई तक कंपनियों के पास आखिरी बोली देने का मौका.

खाली स्लॉट के मसले पर कमिटी के गठन

जेट एयरवेज की सर्विस रद्द होने से उसको दिया जाने वाला स्लॉट खाली चल रहा है. विमानन मंत्रालय इस स्लॉट को अन्य कंपनियों को देने पर विचार कर रहा है. हालांकि अन्य कंपनियों को जेट का स्लॉट केवल तीन महीने के लिए ही दिया जा सकता है. सरकार स्लॉट आवंटन के लिए एक कमेटी का गठन करने जा रही है. कमेटी के जरिये सरकार का मकसद है कि वह जेट एयरवेज के ठप्प होने के चलते खाली पड़े स्लॉट को अन्य एयरलाइन्स को निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से आवंटित करे. जेट के स्लॉट अन्य एयरलाइन्स को 3 महीने के लिए दिए जाएंगे. और जेट का काम शुरू होने पर स्लॉट उसे वापस कर दिए जाएंगे. स्लॉट आवंटित करने वाली कमेटी में एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए, एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरलाइन्स प्रतिनिधि प्रमुख रूप से शामिल होंगे.

(ब्रजेश कुमार की रिपोर्ट)