नकदी संकट में फंसी जेट एयरवेज की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है. एयरलाइन के घरेलू पायलटों के संगठन ने मंगलवार को चेतावनी दी थी कि अगर उनके बकाया वेतन का भुगतान इस माह के अंत तक नहीं किया जाता है तो 1 अप्रैल से वह विमान उड़ाना बंद कर देंगे. वहीं नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने कहा कि जेट एयरवेज की फिलहाल 41 उड़ानें परिचालन की स्थिति में रह गई हैं और आने वाले सप्ताह में इनमें और कमी आ सकती है. इस बीच, नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने अपने मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों को जेट एयरेवज से जुड़ी गतिविधियों पर नजर रखने को कहा है.    

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इतना ही नहीं कंपनी के विमान रखरखाव इंजीनियरों के संगठन ने नियामक डीजीसीए को सूचना दी कि उन्हें तीन माह से वेतन नहीं मिला है और इससे प्रतिकूल मनोदशा के कारण उड़ानों की सुरक्षा जोखिम में है. हालांकि, बाद में संगठन ने स्पष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि जेट एयरवेज के विमान उड़ान के लिहाज से सुरक्षित हैं और उच्च सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है.    इधर, नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने मंगलवार को अपने सचिव को कर्ज में डूबी एयरलाइन के साथ आपात बैठक करने का निर्देश दिया. कई विमानों के उड़ान नहीं भरने के कारण एयरलाइन बड़ी संख्या में उड़ानें रद्द कर रही है. डीजीसीए ने कहा कि जेट एयरवेज की फिलहाल 41 उड़ानें परिचालन की स्थिति में रह गई हैं और आने वाले सप्ताह में इनमें और कमी आ सकती है. डीजीसीए का मानना है कि जेट एयरवेज के मामले में स्थितियां तेजी से बदलती जा रही हैं.

जेट एयरवेज की वेबसाइट के अनुसार एयरलाइन के पास कुल 119 विमानों का बेड़ा है. पिछले कुछ सप्ताह से एयरलाइन की उड़ानें रद्द होने से यात्री अपनी नाराजगी सोशल मीडिया पर जाहिर कर रहे हैं और परिचालित विमानों की संख्या में निरंतर कमी के साथ यह दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है. डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नियामक देश में कुछ विशेष मार्गों पर किराये में वृद्धि की समीक्षा कर रहा है और उसने एयरलाइन को उड़ानों को बढ़ाने की सलाह दी है ताकि किराये पर अंकुश रहे.

नियामक ने मंगलवार को जेट एयरवेज के अधिक विमानों के जमीन पर खड़े होने तथा कई उड़ानों के रद्द होने के कारण किराये में वृद्धि पर चर्चा की. एक बयान में मंत्रालय ने कहा कि मंत्री ने लोगों की सुरक्षा तथा सहूलियत का ध्यान रखने के लिये निर्देश दिया. जेट एयरवेज घरेलू पायलटों के निकाय नेशनल एविएटर्स गिल्ड की 90 मिनट से अधिक चली सालाना बैठक में चेतावनी दी कि अगर उनके बकाया वेतन का भुगतान इस माह के अंत तक नहीं किया जाता है तो 1 अप्रैल से उड़ान रोक दी जाएगी. उन्होंने वित्तीय मसलों के हल के लिये समाधान योजना लागू करने की भी मांग की है. इन योजनाओं की घोषणा कुछ सप्ताह पहले की गई.

पायलटों तथा अन्य वरिष्ठ कर्मचारियों को दिसंबर से उनका पूरा वेतन नहीं मिल रहा. डीजीसीए द्वारा जेट एयरवेज की स्थिति का जायजा लेने के बाद उसके प्रवक्ता ने कहा कि महानिदेशालय ने जेट एयरवेज के परिचालन, उड़ान क्षमता तथा यात्री सुविधाओं के आधार पर प्रदर्शन की समीक्षा की. फिलहाल परिचालन के लिये 41 विमान बेड़े में है और उसके अनुसार 603 घरेलू तथा 382 अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का निर्धारण किया गया है. हालांकि, स्थिति बदलती रहती है और आने वाले सप्ताह में इसमें और कमी आ सकती है.

यहां देखें जी बिजनेस का वीडियो

प्रवक्ता के अनुसार डीजीसीए ने समय पर सूचना, क्षतिपूर्ति, रिफंड और जरूरत के मुताबिक वैकल्पिक उड़ान उपलब्ध कराने के संदर्भ में यात्रियों की जरूरतों के लिये एयरलाइन को नागर विमानन जरूरतों (CAR) के प्रासंगिक प्रावधानों का अनुपालन करने को कहा है. उन्होंने कहा कि डीजीसीए नियमित आधार पर आंकड़ों की निगरानी कर रहा है. जेट एयरवेज के ऊपर 8,200 करोड़ रुपये का बकाया है और उसे मार्च अंत तक 1,700 करोड़ रुपये का भुगतान करने की जरूरत है.