संकटग्रस्त एयरलाइंस जेट एयरवेज को पटरी पर लाने की कोशिशों के बीच एविएशन मिनिस्ट्री की ओर से बड़ा बयान आया है. मंत्रालय ने कहा है कि जेट एयरवेज की बोली प्रक्रिया में किसी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा. जेट एयरवेज की बिक्री के लिए एयरलाइंस को कर्ज देने वाले बैंकों का समूह एसबीआई की अगुवाई में बोली प्रक्रिया का संचालन कर रहा है. खबरों के मुताबिक जेट एयरवेज के लिए अभी तक आईं बोलियों से एसबीआई पूरी तरह संतुष्ट नहीं है और बेहतर डील की तलाश जारी है. ऐसे में एविशन मिनिस्ट्री का बयान बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है.

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विमानन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने कहा है कि जेट एयरवेज की बोली प्रक्रिया में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इंटरनेशनल स्लॉट और टैरिफ पर बातचीत है और जेट एयरवेज के कुछ स्लॉट दूसरे एयरलाइंस को दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि जेट एयरवेज के ज्यादा स्लॉट एयर इंडिया को मिल सकते हैं.

खरोला ने कहा, "हमने एयरलाइंस कंपनियों से उनके स्लाट (घरेलू) और अंतरराष्ट्रीय उड़ान अधिकारों की जरूरतों के बारे में बताने के लिए कहा था. उनके अनुरोधों को आधिकारिक रूप से शामिल किया गया है. हमारे लोग अब विश्लेषण करेंगे और हम पारदर्शी एसओपी विकसित करेंगे, जिसके आधार पर अधिकार दिए जाएंगे." खरोला ने शुक्रवार सुबह एयरलाइन कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद यह बात कही. यह बैठक जेट एयरवेज के विदेशी उड़ान अधिकारों के अस्थायी तौर पर आवंटन से जुड़ी थी.

जेट एयरवेज के 17 अप्रैल को अचानक परिचालन बंद कर देने से कई अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर उड़ानों की संख्या कम हो गई, जिससे हवाई किराए में काफी बढ़ोतरी हुई है. इसके बाद केंद्र सरकार ने जेट एयरवेज के अंतरराष्ट्रीय अधिकारों को इंडिगो, एयर इंडिया, स्पाइसजेट, गोएयर और विस्तार जैसी एयरलाइन कंपनियों को आवंटित करने की योजना बनाई है. 

खरोला ने कहा कि सभी कंपनियों ने अंतरराष्ट्रीय उड़ान अधिकारों के लिए अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, "अंतरराष्ट्रीय उड़ान अधिकारों के मामले में एयर इंडिया को प्राथमिकता मिलती है और हमने उन्हें कुछ मार्ग दिए हैं." खरोला ने स्पष्ट किया कि इन अधिकारों का आवंटन अस्थायी और जेट के फिर से परिचालन शुरू करने तक होगा.

जेट एयरवेज के अस्थायी तौर पर परिचालन बंद करने के बाद एयर इंडिया देश की अकेली ऐसी एयरलाइन कंपनी रह गई है, जिसके पास यूरोप और अमेरिका जैसे देशों के लिए बिना ठहराव के लंबी दूरी की उड़ानों के परिचालन के लिए बड़े विमान हैं. एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम गुप्त रखने की शर्त पर कहा कि अन्य एयरलाइन कंपनियों के पास अंतरराष्ट्रीय विस्तार की बड़ी योजनाएं हैं और इसीलिए सभी जेट एयरवेज के विदेशी अधिकारों का ज्यादा से ज्यादा हिस्सा पाने की कोशिश कर रहे हैं. अधिकारी ने कहा कि केंद्र जेट एयरवेज के खाली पड़े 750 स्लॉट में से 480 घरेलू स्लॉट (उड़ान के समय) को पहले ही आवंटित कर चुकी है.

(एजेंसी इनपुट के साथ)