नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) ने जेट एयरवेज (Jet Airways) के 7 बोइंग 737-800 विमानों का पंजीकरण रद्द करने की घोषणा की है. इससे इन विमानों को पट्टे यानी लीज पर देने वाली कंपनियां इन्हें देश से बाहर ले जा सकेंगी और किसी अन्य एयरलाइन को पट्टे पर दे सकेंगी. उधर, देश की सबसे तेल विपणन कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) ने फिर Jet एयरवेज को ईंधन की आपूर्ति बंद कर दी है. एयरलाइन ने हालांकि बताया कि अन्य तेल कंपनियां उसके विमानों को तेल की आपूर्ति कर रही हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कई विमान ग्राउंडेड हुए

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान पट्टे पर विमान देने वाली कंपनियों को भुगतान नहीं करने की वजह से जेट एयरवेज को अपने कई विमान खड़े करने पड़े हैं. एयरलाइन के बेड़े में 119 विमान हैं. नागर विमानन सचिव प्रदीप सिंह खारोला ने 4 अप्रैल को कहा था कि फिलहाल जेट एयरवेज के सिर्फ 26 विमान की उड़ान भर रहे हैं. 

वेबसाइट पर डाली लिस्‍ट

डीजीसीए ने अपनी वेबसाइट पर डाली सूचना में कहा है कि जिन सात बोइंग विमानों का पंजीकरण रद्द किया गया है वे क्रॉली एविएशन, मार्दल एविएशन, एलनवुड एयरक्राफ्ट लीजिंग, डन्गारवन एयरक्राफ्ट लीजिंग, एल्फिन एयरक्राफ्ट लीजिंग, कार्लो एयरक्राफ्ट लीजिंग और बैलीहाउनिस एयरक्राफ्ट लीजिंग के हैं. 

पहले भी बंद हुआ था ईंधन मिलना

Indian Oli के 1 वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बकाये का भुगतान नहीं होने के कारण कंपनी ने जेट एयरवेज को ईंधन की आपूर्ति बुधवार अपराह्न् तीन बजे से बंद कर दी है. पिछले सप्ताह भी आईओसी ने जेट एयरवेज को कुछ समय के लिए तेल की आपूर्ति बंद कर दी थी, हालांकि एयरलाइन की ओर से बकाये के भुगतान को लेकर आश्वासन मिलने के बाद आपूर्ति दोबारा बहाल कर दी गई थी.

जी बिजनेस की लाइव स्‍ट्रीमिंग देखें यहां :

8000 करोड़ का कर्ज

जेट एयरवेज नकदी की संकट से जूझ रही है, जिसके चलते कंपनी के कई विमान परिचालन से बाहर हैं. एयरलाइन पर बैंकों के एक समूह का 8,000 करोड़ रुपये कर्ज है. बैंक के इस समूह की अगुवाई भारतीय स्टेट बैंक कर रहा है.