IndiGo gets Airbus A320neo: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन कंपनी इंडिगो (IndiGo) को एयरबस से पहले ए320 नियो (Airbus A320neo) एयरक्राफ्ट की सप्लाई मिल गई है. यह एयरक्राफ्ट कम कार्बन उत्सर्जन वाले टिकाऊ विमानन ईंधन (SAF) और सामान्य ईंधन के मिश्रण से ऑपरेट होता है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, कंपनी ने बताया कि फ्रांस के टूलूज से गुरुवार को उड़ान भरने वाला ए320 नियो विमान शुक्रवार को यहां इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर उतरा.

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ऐसी पहली इंटरनेशनल फ्लाइट होगी

खबर के मुताबिक, इंडिगो के सीईओ रोनोजॉय दत्ता ने कहा कि हमें इस एयरबस विमान (Airbus A320neo) को पाकर खुशी है, जो टिकाऊ विमानन की दिशा में हमारी यात्रा को आगे बढ़ाएगा. उन्होंने कहा कि कंपनी एसएएफ को लेकर कई विनिर्माताओं से बातचीत कर रही है. एसएएफ से कार्बन उत्सर्जन में कमी होगी. दत्ता ने कहा कि इंडिगो 2050 तक कार्बन उत्सर्जन के मामले में तटस्थ बन जाएगी, यानी प्रभावी रूप से कार्बन उत्सर्जन पूरी तरह बंद हो जाएगा. इंडिगो ने बताया कि यह किसी भी भारतीय एयरलाइंस की पहली इंटरनेशनल फ्लाइट होगी, जिसमें एसएएफ का इस्तेमाल किया जाएगा.

इंडिगो के को-प्रमोटर निदेशक मंडल से दिया इस्तीफा

इंडिगो के को-प्रमोटर राकेश गंगवाल (Rakesh Gangwal) ने शुक्रवार को मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन के निदेशक मंडल से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफा देते हुए कहा कि वह अगले पांच साल में विमानन कंपनी में इक्विटी हिस्सेदारी को धीरे-धीरे कम करेंगे. गंगवाल और उनकी संबंधित संस्थाओं की इस कंपनी में करीब 37 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं राहुल भाटिया और उनकी संबंधित संस्थाओं की इंटरग्लोब एविएशन (InterGlobe Aviation) में लगभग 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

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गंगवाल ने बोर्ड के सदस्यों को लिखे अपने पत्र में कहा कि मैं कंपनी में 15 से ज्यादा सालों से शेयरधारक रहा हूं और किसी दिन किसी की होल्डिंग के बारे में सोचना स्वाभाविक है. उन्होंने कहा कि मेरा वर्तमान इरादा कंपनी में अपनी इक्विटी हिस्सेदारी को अगले पांच या उससे ज्यादा वर्ष में धीरे-धीरे कम करने का है.