एयर इंडिया (AIR INDIA) के सरकारी एयरलाइन कहलाने का आज आखिरी दिन था. एयर इंडिया आज यानी 27 जनवरी 2022 से टाटा ग्रुप की हो गई. सरकार की तरफ से एयरलाइन को आज टाटा ग्रुप को सौंप दिया गया. एयर इंडिया का हस्तांतरण पूरा हो गया है. टाटा सन्स के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन इसके लिए एयर इंडिया हाउस पहुंच गए हैं. यहां पर DIPAM और नागरिक उड्डयन सचिव भी मौजूद है. कंपनी नए बोर्ड की मीटिंग कर रही है. टाटा सन्स के चेयरमैन N Chandrashekaran ने कहा कि औपचारिक तौर पर एयर इंडिया हमारे पास आ गया है, जल्द नए बोर्ड की घोषणा करेंगे. 

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सरकार को 2,700 करोड़ रुपये हासिल हुआ

खबर के मुताबिक, एयर इंडिया का रणनीतिक विनिवेश लेन-देन पूरा हो गया है. इसमें सरकार को स्ट्रैटेजिक पार्टनर (मैसर्स टैलेस प्राइवेट लिमिटेड, मेसर्स टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी) से 2,700 करोड़ रुपये हासिल हुआ है, जिसके पास 15,300 रुपये का कर्ज है. 

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टाटा ग्रुप ने 18 हजार रुपए की बोली जीती थी

एयर इंडिया के लिए टाटा ने करीब 18 हजार रुपए की बोली लगाई थी. बोली जीतने के मौके पर टाटा संस के चेयरमैन रतन टाटा ने खुशी जाहिर की थी और एक पुरानी तस्वीर साझा कर इमोशनल भी हुए थे. सरकारी विमान कंपनी एयरइंडिया करीब 70 साल बाद अपने पुराने मालिक यानी टाटा समूह के पास गई है. दरअसल, जहांगीर रतनजी दादाभाई टाटा ने 1932 में इस एयरलाइन की स्थापना की थी. तब इसे टाटा एयरलाइन कहा जाता था.

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टाटा ग्रुप पहले से भी एयरलाइन बिजनेस कर रही है

टाटा ग्रुप पहले से भी एयरलाइन बिजनेस में है. टाटा की एयररलाइन विस्तारा (VISTARA) को एक अलग यूनिट के तौर पर जारी रखने की योजना है, क्योंकि एआई सौदे के लिए एसआईए बोर्ड में नहीं है. विस्तारा टाटा समूह और सिंगापुर एयरलाइंस के बीच 51:49 अनुपात में संयुक्त उद्यम है.