Go First Crisis: फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ कही एयरलाइन कंपनी गो फर्स्ट ने तीन दिनों के लिए अपनी सभी शेड्यूल फ्लाइट्स को कैंसिल करते हुए NCLT के पास दिवालिया कार्यवाही के लिए अप्लाई किया है. ऐसे में इस बात की संभावना है कि देश में बहुत जल्द एक और एयरलाइन बंद होने वाली है. लेकिन क्या सच में Go First ने अपना कारोबार समेटने की तैयारी कर ली है? Go First के सीईओ कौशिक खोना ने अपने कर्मचारियों से कहा प्रैट एंड व्हिटनी (Pratt & Whitney) के इंजन में बार-बार आने वाली दिक्कतों के कारण से आज एयरलाइन के सामने ये संकट पैदा हुआ है. उन्होंने कर्मचारियों को ये भरोसा दिलाया है कि एयरलाइन इस स्थिति से निपटने के लिए हरसंभव कदम उठा रही है. खोना ने कहा कि कंपनी अपने कर्मचारियों को लेकर चिंतित है.

दिवालिया हो जाएगी कंपनी?

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किफायती सेवा देने वाली एयरलाइन Go First ने NCLT के पास स्वैच्छिक दिवाला कार्यवाही के लिए भी अप्लाई किया है. खोना ने बताया कि कंपनी ने दिवालिया कार्यवाही के लिए अप्लाई तो किया है, लेकिन उसका एविएशन सेक्टर से निकलने का कोई इरादा नहीं है. कंपनी ने इन्सॉल्वेंसी प्रोसेस एयरलाइंस को बेचने के लिए नहीं बल्कि खुद को रिवाइव करने के लिए भरा है. उन्होंने कहा कि कंपनी ने Pratt & Whitney को पूरा भुगतान किया है.

क्यों खड़ा हुआ संकट?

मंगलवार देर रात अपने कर्मचारियों को भेजे गए संदेश में खोना ने कहा कि प्रैट एंड व्हिटनी (P&W) द्वारा इंजन की सप्लाई करने में विफल रहने से गंभीर संकट खड़ा हो गया है. उन्होंने कहा कि Go First मैनेजमेंट 12 महीने से अधिक समय से P&W ने इंजन उपलब्ध कराने और उसकी मरम्मत करने की मांग कर रहा है.

P&W ने नहीं निभाया वादा

एयरलाइन ने कहा कि एयरलाइन के सभी प्रयासों के बावजूद P&W ने इसे नजरअंदाज किया है. खोना ने कहा कि ऐसे में Go First ने इस मामले में सिंगापुर में इमरजेंसी मध्यस्था के लिए कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि मध्यस्थ ने पीएंडडब्ल्यू को 27 अप्रैल तक कम से कम 10 सेवा योग्य अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने को कहा है. इसके अलावा दिसंबर, 2023 तक 10 और अतिरिक्त इंजन पट्टे पर देने का आदेश पीएंडडब्ल्यू को दिया गया है.

खोना ने कहा कि अगर P&W ने अपना वादा निभाया होता तो, अगस्त/सितंबर, 2023 तक एयरलाइन के सभी A320 नियो ऑपरेशनल होते, लेकिन दुर्भाग्य से P&W ने मध्यस्थता आदेश के नियमों को नहीं माना.

एयरलाइन के पास नहीं है रेवेन्यू?

खोना ने कहा कि Go First अपने बेड़े का आकार घटने के साथ एयरलाइन पट्टे पर विमान देने वालों के भुगतान के लिए राजस्व नहीं जुटा पा रही है. वहीं पट्टेदार एयरलाइन के खिलाफ जबरिया कार्रवाई कर रहे हैं. वे अपने विमान वापस मांग रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस स्थिति में एयरलाइन के पास स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही के अलावा कोई विकल्प नहीं है. इसका मकसद प्रभावी कदमों के जरिये कंपनी को परिचालन में बरकरार रखना है. 

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