Go First Crisis: नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने सोमवार को NCLT के आदेश को बरकरार रखा. जिसके मुताबिक मुश्किल में फंसी एयरलाइन कंपनी Go First की स्वैच्छिक दिवाला समाधान कार्यवाही की अनुमति दी गई थी. NCLAT की दो सदस्यीय पीठ ने Go First की दिवाला कार्यवाही का विरोध करने वाले एयरलाइन के कई पट्टेदारों को किसी भी तरह के समाधान के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के पास जाना चाहिए.

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NCLAT के चेयरपर्सन जस्टिट अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा, "NCLT ने गो फर्स्ट एयरलाइन को दिवालिया होने की जो अनुमित 10 मई, 2023 को दी जाती है, उसे बरकरार रखा जाता है."

Go First की दिवालिया कार्यवाही का विरोध करने वाले विमान पट्टेदारों द्वारा दाखिल की गई चार याचिकाओं के एक बैच पर NCLAT ने यह निर्देश सुनाया है.

इन पट्टेदारों ने दायर की थी याचिका

NCLAT के पास जिन पट्टेदारों ने याचिका दायर की है, उसमें SMBC एविएशन कैपिटल लिमिटेड, GY एविएशन, SFV एयरक्राफ्ट होल्डिंग्स और इंजन लीजिंग फाइनेंस BV (ELFC) हैं. इन चार पट्टेदारों के पास वाडिया समूह (Wadia Group) की फर्म द्वारा संचालित लगभग 22 विमान हैं, जो वर्तमान में कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP) से गुजर रहा है.

पट्टेदारों ने इस महीने की शुरुआत में Go First द्वारा दाखिल की गई दिवालियापन की याचिका का विरोध किया, जिसे NCLT की दिल्ली बेस्ड प्रिंसिपल बेंच ने मंजूर कर लिया था. NCLT ने गो फर्स्ट (Go First) के मामलों को देखने के लिए एक अंतरिम समाधान पेशेवर (IRP) नियुक्त किया था और दिवाला समाधान प्रक्रिया के हिस्से के रूप में इसके बोर्ड को भी निलंबित कर दिया था.

NCLT ने जारी किया आदेश

इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के प्रावधानों (Insolvency & Bankruptcy Code) के अनुसार, NCLT ने गो फर्स्ट को अधिस्थगन के तहत रखा था, जिसका अर्थ है कि पट्टेदारों को विमान वापस लेने से रोक दिया गया है और लेनदारों को जबरदस्ती कार्रवाई करने से रोक दिया गया है. एनसीएलटी ने 10 मई, 2023 को पारित आदेश में आईआरपी को एयरलाइन को जारी रखने और अपने कर्मचारियों की छंटनी नहीं करने का भी निर्देश दिया था.

Go First के पास हैं 7000 से अधिक कर्मचारी

फाइनेंशियल क्राइसिस से जूझ रही एयरलाइन Go First में 7,000 से अधिक कर्मचारी है. NCLT के आदेश के कुछ घंटों के भीतर NCLAT के समक्ष SMBC Aviation Capital द्वारा इसे चुनौती दी गई थी. बाद में, अन्य पट्टेदारों ने भी एनसीएलटी का रुख किया और अपीलीय न्यायाधिकरण ने 15 मई को अपना आदेश सुरक्षित रख लिया.

अभी तक, कई पट्टेदारों ने Go First के 45 विमानों का पंजीकरण रद्द करने और वापस लेने के लिए विमानन नियामक DGCA से संपर्क किया है.

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