हवाई यात्रा करने के लिए आपको अभी कई तरह के क्लियरेंस से गुजरना पड़ता है. आईडी प्रूफ दिखाने से लेकर बोर्डिंग पास तक सबकी चेकिंग होती है. लेकिन, जल्द ही आपको एयरपोर्ट में अंदर जाने के लिए न तो एयरलाइन टिकट दिखाना होगा और न ही आईडी प्रूफ दिखाने की जरूरत होगी. इसके अलावा फ्लाइट बोर्ड करने के लिए बोर्डिंग पास की भी जरूरत नहीं होगी. दरअसल, ये सब काम आपके चेहरे से हो जाएगा. दरअसल, सरकार जल्द ही डिजी यात्रा स्कीम को शुरू करने जा रही है. फिलहाल इसका ट्रायल चल रहा है.

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

31 जुलाई तक चलेगा ट्रायल

डिजी यात्रा के तहत इस स्‍कीम को फेस रिकॉग्निशन तकनीक से जोड़ा जाएगा. फेस रिकॉग्निशन तकनीक का हैदराबाद एयरपोर्ट पर ट्रायल शुरू हो चुका है. इसमें सिर्फ एक बार आपके बायोमीट्रिक की जरूरत होगी, उसके बाद आप बिना आईडी और टिकट की सॉफ्ट या हार्ड कॉपी लिए यात्रा कर सकते हैं. हैदराबाद एयरपोर्ट के एक वरिष्‍ठ अधिकारी के मुताबिक, फेस रिकॉग्निशन का ट्रायल एक जुलाई से शुरू हो चुका है. 31 जुलाई तक ट्रायल चलेगा. 

2500 मुसाफिरों ने कराया रजिस्ट्रेशन

अभी तक करीब 2500 से ज्यादा मुसाफिर फेस रिकॉग्निशन ट्रायल के लिए अपना रजिस्‍ट्रेशन करा चुके हैं. इसमें कई टॉलीवुड स्‍टार भी शामिल हैं. उन्‍होंने बताया कि फिलहाल इस ट्रायल में सिर्फ दिल्‍ली, मुंबई, बंगलुरु, चेन्‍नई और विजयवाड़ा एयरपोर्ट जाने वाले मुसाफिर शामिल हैं. 

ऐसे होगा फेस रिकॉग्निशन

एयरपोर्ट के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हैदराबाद एयरपोर्ट के डोमेस्टिक डिपार्चर गेट संख्‍या एक और तीन पर फेस रिकॉग्निशन काउंटर बनाए गए हैं. जहां सुबह आठ बजे से रात्रि आठ बजे तक छह एयरपोर्ट को जाने वाले मुसाफिर अपना रजिस्‍ट्रेशन करा सकते हैं. उन्‍होंने बताया कि फेस रिकॉग्निशन रजिस्‍ट्रेशन के लिए मुसाफिरों को अपना सरकारी पहचान पत्र, कॉन्टैक्ट डिटेल उपलब्‍ध करानी होगी. इसके बाद कैमरे से उनका फेस रिकॉग्नाइज कर दिया जाएगा.

ट्रायल के बाद भेजी जाएगी रिपोर्ट

एयरपोर्ट अधिकारी के मुताबिक, फिलहाल यह ट्रायल फेज है, लिहाजा फेज रिकॉग्नाइज करने वाले मुसाफिरों की पहचान पत्र को चेक किया जा रहा है. इससे तकनीक में यदि कोई खामी है तो उसे पता लगाया जा सकेगा. उन्‍होंने बताया कि 31 जुलाई को ट्रायल पूरा होने के बाद, इसकी रिपोर्ट डायरेक्‍टर जनरल ऑफ सिविल एविएशन (DGCA) और ब्‍यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्‍योरिटीज (BCAS) को सौंपी जाएगी. दोनों एजेंसी से हरी झंडी मिलने के बाद ही फेस रिकॉग्निशन सिस्टम को सभी मुसाफिरों के लिए शुरू किया जाएगा.

दूसरे एयरपोर्ट पर भी शुरू होगी सुविधा

डिजी यात्रा के तहत, फेस रिकॉग्निशन तकनीक को लागू करने के लिए दिल्‍ली, मुंबई और बंगलुरु एयरपोर्ट ने अपने कदम बढ़ा दिए हैं. हाल में ही, दिल्‍ली एयरपोर्ट की एक टीम ने हैदाराबाद एयरपोर्ट का दौरा किया था, दौरे के दौरान फेस रिकॉग्निशन तकनीक का अध्‍ययन किया गया. वहीं, मुंबई एयरपोर्ट में फ्लैट गेट का ट्रायल शुरू हो गया है. दिल्‍ली और बंगलुरु में यह योजना अभी प्‍लानिंग स्‍टेज पर है.