Flight tickets booking news: अगर आप एयर ट्रैवल (Air Travel) करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है. आने वाले दिनों में फ्लाइट से सफर (Flight Tickets news) करना सस्ता होने वाला है. सिविल एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए (DGCA) ने एयरलाइंस को साफ-साफ हिदायत दी है जिसमें कहा गया है कि एक कस्टमर को उन चीजों के लिए चार्ज ही न किया जाए, जिसका वह इस्तेमाल नहीं करने वाला. सामान्य तौर पर जब कोई पैसेंजर फ्लाइट की टिकट बुक (flight tickets booking) करता है तो उसमें कई बार कुछ ऐसी चीजों की प्राइस भी शामिल की जाती हैं जिसका वह पैसेंजर इस्तेमाल ही नहीं करता. इतना ही नहीं पैसेंजर को इस बात की जानकारी भी नहीं होती है.

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जो सुविधा नहीं ली, टिकट में उसका दाम होगा कम (If the facility is not availed, the ticket will cost less)

जो सर्विसेस डीजीसीए (Directorate General of Civil Aviation) के सर्कुलर में लिस्टेड हैं, उनमें सबसे बड़ी सर्विस चेक इन बैगेज की है. कई बार कस्टमर बिना चेक इन बैगेज के सिर्फ अपने हैंड बैग के साथ लाइट ट्रैवल करते हैं. एक एयरलाइन में 15 किलोग्राम तक का चेक इन बैगेज के लिए परमिशन है. ऐसे में अगर कोई कस्टमर सिर्फ हैंड बैग के साथ लाइट ट्रैवल कर रहा है तब भी उसे उस 15 किलोग्राम के चेक इन बैगेज की कीमत चुकानी पड़ रही है. इसको देखते हुए डीजीसीए ने एयरलाइंस कंपनियों से कहा है कि अगर पैसेंजर सिर्फ हैंड बैग के साथ ट्रैवल कर रहा है तो उसका किराया मिनिमम प्राइस से 200 रुपये कम होना चाहिए. 

चेक इन बैगेज पर 200 रुपये से ज्यादा चार्ज नहीं (No more than Rs 200 charge on check in baggage)

खबर के मुताबिक, अगर कस्टमर ने टिकट बुकिंग में नो चेक इन बैगेज का ऑप्शन चुना है लेकिन फिर भी वह टिकट काउंटर पर चेक इन बैगेज के साथ मौजूद होता है तो उसको टिकट काउंटर पर 200 रुपये से ज्यादा चार्ज न किया जाए. एयरलाइन यहां पर अपनी मनमानी न करे. आमतौर पर एक फ्लाइट की टिकट में 15 किलो का चेक इन बैग ले जाने की परमिशन होती है. अगर बैगेज का भार इस लिमिट से ज्यादा होती है तभी उसे एक्स्ट्रा पेमेंट करनी होती है. यहां जो कस्टमर या पैसेंजर लाइट ट्रैवल करता है तो उसके टिकट में कोई भी अंतर नहीं आता, लेकिन कोविड के बाद अब उसकी टिकट सस्ती हो सकती है. 

फ्लाइट के अंदर फूड और ड्रिंक्स (Food and drinks inside the flight)

डीजीसीए के सर्कुलर (DGCA latest circulars) में एक सर्विस जो लिस्टेड है, वह है फ्लाइट के अंदर खाने-पीने और ड्रिंक्स की सर्विस. कई बार हम फ्लाइट में जाते हैं तो पूरी सुविधा मिल रही होती हैं, लेकिन फिर भी हम न खाना खाते हैं और न उन ड्रिंक्स को टच करते हैं, जोकि सर्व हो रही हैं. कई पैसेंजर सिर्फ पानी ही पीते हैं. जबकि उस पैसेंजर्स की टिकट में फूड और ड्रिंक्स की प्राइस भी लिस्टेड है, जिसे वह इस्तेमाल नहीं करने वाले. देश में एयर इंडिया या विस्तारा जैसे एयरलाइंस आज भी फुल सर्विस दे रही हैं. यहां पर डीजीसीए ने साफ कहा है कि जब पैसेंजर फ्लाइट में खाना खा ही नहीं रहा, ड्रिंक्स पी ही नहीं रहा तो उसकी टिकट में इन सबके चार्ज शामिल नहीं किए जाएं.

एयरपोर्टस् लाउंज, स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स चार्ज (Airports Lounge, Sports and Musical Instruments Charge)

डीजीसीए (DGCA) के सर्कुलर में एक और सर्विस जोकि लिस्टेड है वह है एयरपोर्टस् लाउंज, स्पोर्ट्स और म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स का भार, जिनके चार्ज आने वाले दिनों में टिकट में शामिल नहीं होंगे जिनका पैसेंजर इस्तेमाल नहीं करने वाला है. दरअसल आपकी टिकट का दाम एयरक्राफ्ट फ्यूल (Aircraft fuel) पर निर्भर करता है. ऐसे में अगर आपका चेक इन बैगेज है ही नहीं तो आपने तो एयरक्राफ्ट पर 15 किलो या कोई भार दिया ही नहीं तो फिर भी उसकी कीमत आप क्यों दें. डीजीसीए का यह सर्कुलर दरअसल, कोविड से पहले जारी हुआ था, लेकिन कोविड के चलते फ्लाइट्स रुक गईं, लेकिन बाद में फ्लाइट शुरू भी हुईं तो उनकी प्राइसिंग पर कैप कर दिया गया था. आने वाले दिनों में कोविड के बाद जब फ्लाइट सर्विस फुल कैपिसिटी में बहाल होंगी तो इसका असर आपके टिकट पर दिखेगा. 

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