विमानन क्षेत्र के नियामक नागर विमानन महानिदेशक (DGCA) नकदी संकट से जूझ रही जेट एयरवेज (Jet Airways) को टिकटों की एक सीमा से अधिक अग्रिम बुकिंग से रोक सकती है. इसकी अहम वजह कंपनी की क्षमता में व्यापक कमी आना और बड़े स्तर पर उड़ानों का रद्द होना है. डीजीसीए के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को पीटीआई-भाषा से कहा कि जेट एयरवेज के बेड़े में शामिल 116 विमानों में से अभी केवल 61 ही उड़ान भर रहे हैं. इस वजह से उसे हर दिन अपनी 45 प्रतिशत उड़ानें रद्द करने पर मजबूर होना पड़ रहा है. जेट एयरवेज नियमित तौर पर देश और विदेश में 600 से अधिक उड़ानों का परिचालन करती है. 

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अधिकारी ने कहा, ‘‘ हम जेट एयरवेज को एक तय अवधि के बाद की एडवांस टिकट बुकिंग स्वीकार करने से मना कर सकते हैं.’’ डीजीसीए की ओर से यह बयान ऐसे समय आया है जब कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर एक रियायती योजना के तहत 37 घरेलू स्थानों पर यात्रा के लिए सभी खर्चों सहित 1,165 रुपये में टिकट बिक्री की पेशकश की है. लोग एक वर्ष की अवधि में यह यात्रा कर सकते हैं.

वर्ष 2014 में डीजीसीए इसी तरह का निर्णय स्पाइस जेट के खिलाफ ले चुकी है. अधिकारी ने कहा कि इस मसले पर अंतिम निर्णय जेट एयरवेज से मांगी गई रपट की समीक्षा के बाद किया जाएगा.