Civil aviation India:  इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने कहा है कि भारत को शिड्यूल्ड इंटरनेशनल फ्लाइट्स (International Flights) को आने-जाने की परमिशन अब दे देने का समय आ गया है. न्यूज एजेंसी ANI की खबर के मुताबिक, आईएटीए ने यह डिमांड रखते हुए कहा है कि अगर अभी परमिशन मिल जाए तो एयर ट्रैफिक को कोविड-19 से पहले के लेवल में आने में कम से कम तीन साल का समय लगेगा. 

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पॉलिटिशियन को लेकर कही ये बात

आईएटीए के डायरेक्टर जनरल विली वॉल्श (Willie Walsh) ने कहा कि पॉलिटिशियन भारत के एयर ऑपरेशन पर रोक तो तुरंत लगा देते हैं लेकिन इसे हटाते काफी देर से हैं. वॉल्श कोविड-19 संकट के चलते ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री पर पड़ने वाले लेटेस्ट असर के बारे में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह बातें कहीं. उन्होंने कहा कि भारत अगर अभी एयर ट्रैफिक को ओपन करता है तो साल 2019 से पहले के लेवल 100 प्रतिशत लोड फैक्टर हासिल करने में तीन साल का समय लगेगा. 

रोक हटे तो साल 2022 तक 80 प्रतिशत का लेवल

आईएटीए के डायरेक्टर ने कहा कि रोक हटे तो साल 2022 तक 80 प्रतिशत, 2023 तक 90-95 प्रतिशत और 100 प्रतिशत लोड फैक्टर साल 2024 में हासिल किए जा सकेंगे. वॉल्श कहते हैं कि भारत में सरकार की तरफ से एयरलाइन कैपिसिटी और किराए पर लिमिट तय करने से डोमेस्टिक मार्केट के रिवाइवल की गति स्लो हो जाएगी. दुनिया में जितने भी बड़े डोमेस्टिक मार्केट वाले देश हैं, उनमें भारत की रिकवरी रेट सबसे कम है. वॉल्श ने कहा कि हमें उम्मीद है कि बहुत जल्द चीजें काफी बदलेंगी. 

इंडिगो ने भी रखी थी बात

एएनआई की खबर के मुताबिक, घरेलू एयरलाइन इंडिगो ने भी कहा था कि सरकार को नियमों में ढील देना चाहिए. हालांकि, सरकार का मानना है कि फाइनेंशियल तौर पर कमजोर एयरलाइन के लिए रोक सही है. इससे उनकी सेफ्टी हो सकेगी. भारत में हालांकि डोमेस्टिक पैसेंजर्स अच्छी खासी संख्या में सफर कर रहे हैं. 

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