भारत सरकार देश में विमानों के लिए MRO ( Maintenance, Repair and Overhaul) यूनिटें विकसित करने के लिए सकारात्मक माहौल तैयार करेगी. देश में MRO के विकास के चलते जहां विमानन कंपनियों को फायदा होगा वहीं देश को भी फायदा होगा.

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विमानन कंपनियों को होगा फायदा

फिलहाल देश में परिचालन करने वाली विमानन कंपनियों को अपने विमानों की मेंटिनेंस के लिए दुबई, सिंगापुर या कुछ अन्य देशों में अपने विमानों को भेजना पड़ता है. क्योंकि देश में बेहतर MRO नहीं है जहां पर विमानों का मेंटिनेंस मांग के अनुरूप किया जा सके. देश में MRO बन जाने से विमानन कंनियों को देश में विमानों का मेंटिनेंस कराना सस्ता पड़ेगा. क्योंकि देश में श्रम लागत अन्य देशों की तुलना में कम है.

देश को होगा फायदा

देश में MRO विकसित होने से भारत की विमानन कंपनियों के साथ ही कई अन्य छोटे देशों की विमानन कंपनियां भी भारत में अपने विमानों का मेंटिनेंस कराएंगी. ऐसे में जहां भारत की विमानन कंपनियों का पैसा देश से बाहर नहीं जाएगा वहां भारत सरकार को इन MRO के जरिए कुछ विदेशी मुद्रा की आय भी होगी.

उद्योग जगह लम्बे समय से कर रहा था मांग

देश की कई विमानन कंपनियां लम्बे समय से देश में MRO विकसित किए जाने की मांग कर रही थीं. इस संबंध में विमानन कंपनियों की ओर से सरकार को एक मांगपत्र भी दिया गया था.