सरकार ने एयरलाइन कंपनियों (Airlines in india) से फ्लाइट्स के उड़ान भरने से 24 घंटे पहले सभी इंटरनेशनल पैसेंजर्स (international passengers) के कॉन्टैक्ट्स और पेमेंट से जुड़ी जानकारी सीमा-शुल्क अधिकारियों के साथ शेयर करने को कहा है. इस कदम का मकसद अपराधियों को देश से भागने से रोकना है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने सोमवार को ‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम, 2022’ को नोटिफाई करते हुए एयरलाइन कंपनियों को इसका अनुपालन करने को कहा है.

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अपराधियों को भागने से रोकना है मकसद

खबर के मुताबिक, इस विनियम का मकसद पैसेंजर्स का रिस्क एनालिसिस करना है ताकि आर्थिक और दूसरे अपराधियों को भागने से रोका जा सके. इसके साथ ही इस प्रावधान से तस्करी जैसे किसी भी अवैध व्यापार की जांच करने में मदद मिलेगी. इस नोटिफिकेशन के मुताबिक, हर फ्लाइट का पायलट पैसेंजर्स के नाम और दूसरे रिकॉर्ड की जानकारी सीमा-शुल्क विभाग को देगा. पायलट यह जानकारी सामान्य बिजनेस ऑपरेशन के तहत पहले ही इकट्ठा कर चुके होंगे.

सीमा शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा

नोटिफिकेशन में आगे कहा गया कि हर फ्लाइट (Flight) के पायलट को इसके कार्यान्वयन के लिए सीमा शुल्क के साथ रजिस्ट्रेशन कराना होगा. एयरलाइन कंपनियों (Airlines in india) को भारत आने वाले और भारत से जाने वाले पैसेंजर्स की सूचना देनी होगी. इस सूचना में पैसेंजर का नाम, बिलिंग/पेमेंट की जानकारी (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख के साथ एक ही पीएनआर टिकट पर पैसेंजर के साथ वाले दूसरे लोगों के नाम भी शामिल होंगे.

मार्च से शुरू हुए हैं इंटरनेशनल फ्लाइट्स

देश में कोरोना की तीसरी लहर के खत्म होने और कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए केंद्र सरकार ने दो साल बाद अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (International Flights) को फिर से खोलने का फैसला इस साल के शुरू में किया था. अंतरराष्ट्रीय उड़ानों (international flights) के प्रतिबंध को हटाते हुए 27 मार्च से इसे फिर से शुरू करने का फैसला किया गया था.