Air India TaxiBots: एयरलाइन कंपनी एयर इंडिया (Air India) ने अपने Airbus A320 विमान के लिए दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर टैक्सीबॉट (TaxiBot) लगाने के लिए KSU एविएशन के साथ एक समझौता किया है. Air India ने बताया कि एयरलाइन के इस फैसले से उसके कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि इन टैक्सीबॉट्स को लगाने से कंपनी संभावित रूप से तीन साल में करीब 15,000 टन जेट फ्यूल की बचत कर सकती है. 

क्या हैं TaxiBot?

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TaxiBot एक सेमी रोबोटिक इक्विपमेंट होता है, जो किसी फ्लाइट के नोज लैंडिंग के एक्सटेंशन के रूप में काम करता है. इसका इस्तेमाल फ्लाइट को एयरपोर्ट के टर्मिनल गेट से टैक्सी ऑउट प्वाइंट तक और टर्मिनल गेट से टो फ्लाइट को ले जाने में किया जाता है. इस पूरे समय में फ्लाइट का इंजन बंद होता है, जिससे जेट फ्यूल की बचत होती है. इस एडवांस टेक्नोलॉजी से फ्यूल की बचत, कार्बन उत्सर्जन, शोर के साथ-साथ एयरलाइन के लागत में भी कमी आती है.

एयर इंडिया कार्बन फुटप्रिंट कम करने पर कर रही है काम

टैक्सीबॉट को अपनाने पर एयर इंडिया (Air India) के CEO और मैनेजिंग डायरेक्टर कैंपबेल विल्सन (Campbell Wilson) ने कहा, "एक जिम्मेदार एयरलाइन के रूप में, एयर इंडिया (Air India) लगातार स्थिरता में सुधार और अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के तरीकों की तलाश कर रही है. टैक्सीबॉट्स को लगाना इसी प्रोसेस का हिस्सा है, जिसमें एयरलाइन अपने कार्बन उत्सर्जन और ईंधन की खपत को कम कर रही है."

एयर इंडिया (Air India) अपने रेगुलर फ्लीट ऑपरेशन के रूप में अपनी क्षमता को बढ़ाने में निवेश कर रही है. इसमें नई टेक्नोलॉजी की तैनाती के साथ नए विमानों को शामिल करना, बेहतर प्रोसेस और ड्राइविंग ऑपरेशन शामिल हैं. 

बदलाव से गुजर रही है Air India

केएसयू एविएशन (KSU Aviation) के डायरेक्टर अश्विनी खन्ना ने कहा, "हम अपने कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए एयर इंडिया (Air India) के फोकस्ड अप्रोच के हिस्से के रूप में टैक्सीबॉट (TaxiBot) को औपचारिक रूप से शामिल करने के लेकर उत्साहित हैं. एयर इंडिया बड़े पैमाने पर बदलाव के दौर से गुजर रही है और इस दौरान एयरलाइन ने कई सारी टिकाऊ प्रथाओं को अपनाया है."

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