देश में पिछले कुछ महीनों में आपूर्ति में कमी के चलते विमान किरायों में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है और बोइंग 737 मैक्स विमानों को परिचालन से हटा दिये जाने के कारण स्थिति और खराब हो गई है. फिच की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया है. फिच रेटिंग्स ने कहा है कि साल की दूसरी छमाही में यात्रा संबंधी मांग में होने वाली वृद्धि के बाद 737 मैक्स विमानों को खड़ा किये जाने और एशिया में विमान किरायों में वृद्धि का असर मुख्य रूप से देखने को मिलेगा.

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वित्तीय संकट के कारण जेट एयरवेज के विमानों के खड़े हो जाने, स्पाइसजेट द्वारा 737 मैक्स विमानों को परिचालन सेवाओं से हटाने और फरवरी के मध्य से मार्च तक इंडिगो द्वारा उड़ानों की संख्या में कमी का आपूर्ति पर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है. 

(रॉयटर्स)

इथियोपिया में 737 मैक्स विमान के दुर्घटनाग्रस्त हो जाने के बाद किफायती एयरलाइन स्पाइसजेट, इंडोनेशिया की लायन एयर और सिंगापुर की सिल्कएयर जैसी एयरलाइनों ने इस विमान को उड़ान सेवा से हटा दिया है.

फिच ने शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में कहा है, 'भारतीय विमानन बाजार में आपूर्ति में कमी के कारण पिछले कुछ महीनों में विमान किराये में तेजी से वृद्धि देखने को मिली है, 737 मैक्स विमानों के परिचालन को निलंबित किये जाने से स्थिति और खराब हुई है.' 

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जेट एयरवेज वित्तीय संकट की वजह से बुरी तरह घिरा हुआ है. ऐसे में उसे पट्टे पर लिए विमानों का किराया नहीं चुकाने और अन्य वजहों से अपने कई विमान खड़े करने पड़ गए हैं. फिलहाल एयरलाइन महज 28 विमानों का परिचालन कर रहा है. इससे सीटों की संख्या में अचानक से भारी किल्लत हो गई, जाहिर है हवाई टिकट महंगे होने में इसने बड़ी भूमिका निभाई. 

इधर, देश में घरेलू हवाई यात्रियों की संख्या में लगातार तेजी से बढ़ोतरी जारी है. फरवरी में यह वृद्धि लगातार 54वें महीने में दहाई अंक में रही. इस वृद्धि में अहम भूमिका देश की मजबूत आर्थिक स्थिति और हवाईअड्डों की संख्या बढ़ना है.