देश में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. 1 अप्रैल 2020 से भारत में सबसे साफ यानी प्योर पेट्रोल-डीजल मिलेगा. इसके बाद भारत भी उन देशों की लिस्ट में शामिल हो जाएगा, जहां सबसे स्वच्छ पेट्रोल-डीजल का इस्तेमाल किया जाता है. 1 अप्रैल से यूरो-6 ग्रेड का पेट्रोल और डीजल मिलना शुरू हो जाएगा. इंडियन ऑयल चेयरमैन संजीव सिंह ने यह जानकारी दी है. 

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तीन साल में हासिल किया मुकाम

सरकार ने 1 अप्रैल, 2020 से यूरो-6 उत्सर्जन मानदंड लागू करने का फैसला किया था. यूरो-6 ग्रेड ईंधन को दुनिया का सबसे स्वच्छ पेट्रोल और डीजल माना जाता है. भारत ने यह मुकाम महज तीन साल में हासिल कर लिया है, जबकि दुनिया के बड़े-बड़े देश अभी तक ऐसा नहीं कर पाए हैं.

पूरी की गई तैयारी

इंडियन ऑइल कॉरपोरेशन (IOC) के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि कंपनी का देश के लगभग आधे ईंधन बाजार पर कब्जा है. सभी रिफाइनरी साल 2019 के अंत से अल्ट्रा-लो सल्फर बीएस-6 (यूरो-6 ग्रेड के समतुल्य) पेट्रोल तथा डीजल का उत्पादन शुरू कर चुकी हैं. 1 अप्रैल से भारत में BS-VI फ्यूल का ही इस्तेमाल होगा. इसकी आपूर्ति के लिए पूरी तैयारी कर ली गई है.

क्या होगा BS-VI फ्यूल का फायदा?

संजीव सिंह के मुताबिक, नए फ्यूल से BS-VI अनुकूल वाहनों का नाइट्रोजन ऑक्साइड उत्सर्जन पेट्रोल कारों में 25 फीसदी तक और डीजल कारों में 70 फीसदी तक कम हो जाएगा. BS-VI फ्यूल में सल्फर की मात्रा महज 10 PPM होती है. यह CNG की तरह स्वच्छ माना जाता है. दावा किया जा रहा है कि स्वच्छ पेट्रोल-डीजल मिलने से पॉल्यूशन कम होने की उम्मीद है. वहीं, ईंधन की खपत भी कम हो जाएगी. 

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महंगा हो सकता है पेट्रोल-डीजल!

बीएस-6 (भारत स्टेज) से कार और बाइक चलाना थोड़ा महंगा हो सकता है. एक अप्रैल से शोरूम से बिकने वाले कार व बाइक में बीएस-6 पेट्रोल उपयोग करना होगा. वाहनों के धुएं से प्रदूषण कम करने वाला खास पेट्रोल-डीजल बीएस-4 की तुलना में थोड़ा महंगा होगा. पेट्रोल-डीजल डीलर्स के मुताबिक, बीएस-6 पेट्रोल-डीजल बनाने की लागत ज्यादा है. इसलिए पेट्रोल-डीजल की कीमत सामान्य की तुलना में एक से दो रुपए प्रति लीटर ज्यादा हो सकती है.