Import Duty on Electric Vehicle: ओला के को-फाउंडर भाविश अग्रवाल (Bhavish Aggarwal) ने मंगलवार को हुंडई (Hyundai) और टेस्ला (Tesla) से अपनी असहमति जताई है. इन कंपनियों ने भारत में इलेक्ट्रिक व्हीकल पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम करने की मांग की है. भाविश ने कहा कि हमें विश्वास है कि भारत स्वदेशी रूप से इलेक्ट्रिक व्हीकल बना सकता है और ग्लोबल ओईएम को बुलाने की क्षमता रखता है. 

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ओला (Ola) अपने ई-स्कूटर की लॉन्च के साथ ईलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) के सेगमेंट में उतरने के लिए तैयार है. कंपनी ने अपने ई-स्कूटरों के निर्माण के लिए तमिलनाडु में एक कारखाना स्थापित करने के लिए 2,400 करोड़ रुपये के इन्वेस्टमेंट की भी घोषणा की है. 

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भाविश अग्रवाल ने एक ट्वीट कर कहा, "दोनों (टेस्ला और हुंडई) से पूरी तरह असहमत. आइए स्वदेशी मैनुफैक्चरिंग की अपनी क्षमता पर भरोसा करें और ग्लोबल ओईएम को भारत में निर्माण के लिए आकर्षित करें, न कि केवल आयात करने के लिए. हम ऐसा करने वाले पहले देश नहीं है."

उन्होंने हुंडई (Hyundai) के एमडी एस एस किम (S S Kim) से जुड़े एक ट्वीट पर जवाब देते हुए यह बात कही, जिसमें कहा गया था कि किम ने टेस्ला के भारत में इम्पोर्टेड ई-व्हीकल पर ड्यूटी कम करने की मांग का समर्थन किया है और कथित तौर पर कहा है कि कम शुल्क लेने देश में ई-व्हीकल को बाजार विकसित करने में मदद मिलेगी.

क्या कहा था हुंडई ने

दक्षिण कोरियाई कंपनी हुंडई (Hyundai) ने मंगलवार को कहा कि भारत सरकार द्वारा ई-व्हीकल पर इम्पोर्ट ड्यूटी कम करना बहुत फायदेमंद होगा, क्योंकि इससे वाहन निर्माताओं को सेल्स बढ़ाने में मदद मिलेगी. कंपनी ने टेस्ला की उस मांग का समर्थन किया जिसमें, टेस्ला ने इम्पोर्टेड ई-व्हीकल पर ड्यूटी चार्ज कम करने की मांग की थी.

हुंडई मोटर इंडिया (Hyundai Motor India) के एमडी और सीईओ एस एस किम ने कहा कि हमने सुना है कि टेस्ला इम्पोर्टेड कारों के आयात पर शुल्क में कटौती की मांग कर रहा है. इससे कारोबार को फायदा होगा. उन्होंने कहा कि ई-व्हीकल को पूरी तरह से भारत में बनाने में ओईएम को समय लगेगा. हम भारत में सस्ते ईवी बनाने पर काम कर रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही अगर इम्पोर्ट ड्यूटी में कुछ कमी होती है, तो यह हमारे लिए काफी मददगार साबित होगा.

एलन मस्क ने की थी ये मांग

पिछले हफ्ते टेस्ला के मालिक एलन मस्क(Elon Musk) ने कहा था कि उनकी कंपनी भारत में टेस्ला कार्स (Tesla Cars) लॉन्च करना चाहती है, लेकिन भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicles) पर आयात शुल्क (Import Duty on EV) बहुत ज्यादा है. 

मस्क ने कहा था कि हम भारत में टेस्ला लाना चाहते हैं, लेकिन किसी भी बड़े देश की तुलना में यहां आयात शुल्क कहीं अधिक है. इसके अलावा क्लीन एनर्जी (Clean Energy) पर चलने वाली इलेक्ट्रिक वाहनों को भी डीजल या पेट्रोल के वाहनों के समान ही माना जाता है. जो भारत के क्लाइमेट गोल (Climate Goals) से मेल नहीं खाता है.

कितना इम्पोर्ट ड्यूटी लगाती है सरकार

फिलहाल भारत 40,000 डॉलर से अधिक की कीमत की पूरी तरह इम्पोर्टेड कार पर सीआईएफ (लागत, बीमा और भाड़े) के साथ 100 फीसदी का आयात शुल्क (Import Duty) लगाता है. इससे कम लागत की कार पर आयात शुल्क की दर 60 प्रतिशत है.