कैब का किराया कहीं ज्यादा तो नहीं दे रहे! उतरने से पहले ऐसे करें चेक
अक्सर जब हम किसी Cab से उतरने के बाद मीटर के हिसाब से किराया देते हैं तो कई बार किराया रोजमर्रा से कई ज़्यादा होता है. टैक्सी ड्राइवर से शिकायत करने पर वो सीधा मीटर आपको दिखाता है. लेकिन, ध्यान देने वाली बात ये है की जब रास्ता वही- रोज़ का ट्रैफ़िक वही तो किराया ज्यादा क्यों ?
अक्सर जब हम किसी Cab से उतरने के बाद मीटर के हिसाब से किराया देते हैं तो कई बार किराया रोजमर्रा से कई ज़्यादा होता है. टैक्सी ड्राइवर से शिकायत करने पर वो सीधा मीटर आपको दिखाता है. लेकिन, ध्यान देने वाली बात ये है की जब रास्ता वही- रोज़ का ट्रैफ़िक वही तो किराया ज्यादा क्यों ? दरअसल इसके पीछे होता है टेक्निकल Glitch और GPS के साथ छेड़खानी जिससे आम ग्राहक सचेत रह कर बच सकता है.
मुंबई पुलिस ने हाल ही में 3 Ola drivers को धर पकड़ा है जो GPS से छेड़खानी करके एक्सट्रा किलोमीटर दर्ज करके ज़्यादा किराया वसूलते थे. मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच की अगर माने तो कई कैब ड्राइवर पिछले कई सालों से यह धांधली करके क्सटमर से ज़्यादा किराया वसूल रहे है. पुलिस ने OLA executives को भी समन भेजा है.
मुंबई में सक्रिय रैकट अक्सर मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कस्टमर बिठाते थे. कुछ दूर जाकर GPS tracker बंद कर देते थे. दुबारा GPS जब ऑन करते थे तो उस एक मिनट में GPS मीटर में ज़्यादा किलोमीटर जोड़ देता था. यह दरअसल एक का एक Glitch था जिस पर न ही Aggregator ने गौर फ़रमाया और ड्राइवरों ने इसका फ़ायदा उठाया.
जानकारी के मुताबिक, कई बाहरी फ्रॉड ऐप्स के इस्तेमाल से GPS के साथ ड्राइवरों की छेड़खानी आम बात है. मीटर में ज़्यादा किलोमीटर जोड़ कर बिल बढ़ाने के लिए जिस पर Aggregator आसानी से पैनी नज़र रख सकते है, जिसके लिए बक़ायदा मार्केट में Sophisticated vigilant softwares हैं.
टैक्सी में बैठते वक्त ग्राहक खुद अपना GPS on करे और Cab aggregator द्वारा चार्ज बिल के टैली करें या ड्राइवर की धोखेबाज़ी से बचे. किलोमीटर में अगर बहुत ज़्यादा फ़र्क़ है तो Aggregator से शिकायत दर्ज करने पर ग्राहक को रिफंड मिल सकता है.