Auto News: केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने बुधवार को ऑटोमोबाइल कंपनियों से डीजल इंजन (diesel engine) वाली गाड़ियां बनाने और बिक्री को हतोत्साहित करने और दूसरी टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने को कहा है. पीटीआई की खबर के मुताबिक, गडकरी ने ऑटो इंडस्ट्री के संगठन सियाम (SIAM) के सालाना कॉन्फ्रेंस को वर्चुअल रूप से संबोधित करते हुए कहा कि सरकार लचीली सिस्टम वाले इंजन को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है, जो ग्राहकों को 100 प्रतिशत पेट्रोल या 100 प्रतिशत जैव-एथेनॉल से चलने वाले वाहनों का ऑप्शन देते हों.

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कंपनियों को रिसर्च एंड डेवलपमेंट पर खर्च करना चाहिए

खबर के मुताबिक, गडकरी ने कहा कि मैं ऑटोमोबाइल कंपनियों (automobile companies in india) से डीजल इंजन वाले वाहनों के प्रोडक्शन और बिक्री को हतोत्साहित करने की अपील करता हूं. डीजल से होने वाला प्रदूषण पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इंडस्ट्री को ऑप्शनल फ्यूल टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देना चाहिए और वैकल्पिक ईंधन के लिए रिसर्च एंड डेवलपमेंट (R&D) पर खर्च करना चाहिए. उन्होंने कहा कि वह इंडस्ट्री से उम्मीद कर रहे हैं कि ई20 के मुताबिक गाड़ियों को तेजी से तैयार किया जाएगा. ई20 वाहनों से मतलब ईंधन में 20 प्रतिशत एथेनॉल और 80 प्रतिशत पेट्रोल के मिश्रण से है.

किसानों की आमदनी बढ़ेगी

गडकरी ने कहा कि इससे आयात बिल में कटौती और पर्यावरण सुरक्षा के साथ ही किसानों की आमदनी बढ़ेगी. उन्होंने आगे कहा कि सरकार चाहती है कि भारत के जीडीपी में ऑटोमोबाइल क्षेत्र की हिस्सेदारी मौजूदा 7.1 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत तक पहुंच जाए और रोजगार सृजन में क्षेत्र का योगदान मौजूदा 3.7 करोड़ से बढ़कर पांच करोड़ तक हो जाए. गडकरी ने कहा कि देश को 5,000 अरब अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री की महत्वपूर्ण भूमिका है.

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दुनिया के मैप पर भारत को लाने की है कोशिश

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में अब कई मल्टीनेशनल ऑटोमोटिव ब्रांड उपलब्ध हैं और सरकार देश को टॉप वैश्विक ऑटोमोबाइल विनिर्माण केंद्र बनाने के लिए काम कर रही है. देश के सकल घरेलू उत्पादन (GDP) में वाहन क्षेत्र का योगदान 7.1 प्रतिशत है जबकि विनिर्माण क्षेत्र की जीडीपी में वाहन क्षेत्र 49 प्रतिशत हिस्सा रखता है. वाहन उद्योग का सालाना कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये और निर्यात 3.5 लाख करोड़ रुपये है.