Rapido on Delhi High Court Order: दिल्ली हाईकोर्ट ने कैब और बाइक एग्रगीटेर कंपनी रैपिडो और उबर जैसी कंपनियों को बड़ी राहत दी है. दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा इन एग्रीगेटर पर जारी किए नोटिस पर रोक लगा दी है. जस्टिस सुरेश कुमार कैट और नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट को निर्देश दिया है कि जब तक पॉलिसी नहीं बन जाती है, वह रैपिडो और दूसरी एग्रिगेटर कंपनियों के खिलाफ सख्त कदम न उठाएं.  गौरतलब है कि दिल्ली ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन ने फरवरी में दो पहिया बाइक टैक्सी पर सवारी ढोने पर रोक लगा दी गई थी. 

रैपिडो के प्रवक्ता ने दिया ये बयान

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रैपिडो के सीनियर पार्टनर अभिषेक अवस्थी ने अपने बयान में कहा, 'माननीय हाईकोर्ट के इस आदेश का रैपिडो और उसके कैप्टन स्वागत करते हैं. इस आदेश के बाद ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट द्वारा दिए जा रहे चालान से भी राहत मिलेगी. सभी कैप्टन को इन चालानों से काफी मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है.' रैपिडो के प्रवक्ता ने कहा, 'ये एक शानदार जीत है. साथ ही ये आदेश इस बात को मजबूती से दिखाता है कि राष्ट्रीय राजाधानी में  लाखों लोगों पर बाइक और टैक्सी का कितना ज्यादा प्राभाव है.'

क्या था दिल्ली ट्रांसपोर्ट का आदेश 

दिल्ली परिवाहन विभाग द्वारा एक सर्कुलर जारी किया गया था. इस सर्कुलर के तहत बाइक पर सवारी ढोने वालों पर रोक लगा दी थी. सरकार ने कहा था कि मोटर व्हीकल एक्ट 1988 के तहत टू व्हीलर पर सवारी ढोना दंडनीय अपराध है. पहली बार इस नियम का उल्लंघन करने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा. वहीं, दूसरी बार में ये जुर्माना दोगुना होकर 10 हजार रुपए हो जाएगा. जुर्माना यदि नहीं भरा गया तो एक साल की जेल और बाइक को सीज कर दिया जाएगा. 

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एग्रीगेटर पर एक लाख रुपए की पैनल्टी

 

दिल्ली सरकार के नोटिस के मुताबिक बिना परमिशन बाइक टैक्सी चलाने वाली कंपनी Uber, ओला और रैपिडो को चेतावनी जारी की थी. यदि कोई बाइक, स्कूटी या दूसरे दो पहिया वाहन पर सवारी बिठाकर चला रहा है तो ये मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है. ऐसी एग्रीगेटर कंपनी पर एक लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है. यही नहीं, बाइक और स्कूटर चलाने वाले का लाइसेंस भी तीन महीने के लिए रद्द हो सकता है.